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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त


७ फरवरी : गांधीजीने कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा राष्ट्रको सन्देश दिया कि वे अपनी रिहाईसे खुश नहीं हैं।

१२ फरवरी: मुहम्मद याकूब से प्रार्थना की कि आप असेम्बली में मुझे नोबल शान्ति पुरस्कार देनेकी सिफारिशका प्रस्ताव प्रस्तुत न करें।

१४ फरवरी : वर्ग क्षेत्र विधेयक (क्लास एरिया बिल) पर वक्तव्य दिया।

२५ फरवरी : जैतों में सिखोंके जलूसपर गोली चलाये जानेपर वक्तव्य दिया।

२८ फरवरी : सिन्धके प्रतिनिधि मण्डलसे मिले। मण्डल में जयरामदास दौलतराम, काजी अब्दुल रहमान, सेठ ईश्वरदास तथा आर॰ के॰ सिधवा शामिल थे।

१ मार्च : हॉर्निमैन को भारत में वापस आनेके लिए पारपत्र देने से इनकार करने के विरोध में की गई पूनाके नागरिकोंकी सभाको सन्देश भेजा।

४ मार्च: अकाली आन्दोलनके सम्बन्ध में वक्तव्य।

७ मार्च या उसके पूर्व : दिल्ली प्रान्तीय राजनीतिक सम्मेलनको भेजे अपने सन्देशमें गांधीजीने हिन्दू-मुस्लिम एकताको प्रोत्साहन देनेका अनुरोध किया।

९ मार्च: अकाली शिष्टमण्डलसे हुई बातचीत के बारेमें एसोसिएटेड प्रेसके प्रतिनिधिसे भेंट।

१० मार्च : पूनाके बी॰ जे॰ मेडीकल स्कूलके छात्रोंके सम्मुख विदाई भाषण।

स्वस्थ होनेपर सँसून अस्पताल छोड़ा और रातमें ट्रेनसे बम्बईके लिए रवाना हुए।

११ मार्च : बम्बई पहुँचे। जुहमें नरोत्तम मोरारजी के निवास स्थानपर स्वास्थ्य लाभ के लिए ठहरें।

१५ मार्च : हरिजनोंके मन्दिर प्रवेश के सम्बन्ध में पोट्टी श्रीरामुलुके अनशनपर वक्तव्य।

१७ मार्च : हर सोमवारको मौनव्रत रखना आरम्भ किया।

१९ मार्च : वाइकोम सत्याग्रहियों को सन्देश।

२० मार्च : अफीम सम्बन्धी नीतिपर वक्तव्य।

२१ मार्च: बम्बई राष्ट्रीय शाला के अध्यापकों तथा विद्यार्थियों के समक्ष भाषण।

२३ मार्च : वर्ग क्षेत्र विधेयक (क्लास एरिया बिल) पर दूसरा वक्तव्य।

२९ मार्च : मदनमोहन मालवीय, लाजपतराय तथा मोतीलाल नेहरू से अपरिवर्तनवादी एवं स्वराज्यवादियोंके बारेमें विचार-विमर्श।

३० मार्च के पूर्व : जुहूके पास विलेपार्ले में राष्ट्रीय शाला के अध्यापकों, प्रबन्ध समितिके सदस्यों और छात्रोंके संरक्षकों की सभा में भाषण।

२ अप्रैल : 'दक्षिण आफ्रिकाके सत्याग्रहका इतिहास' की भूमिका लिखी।

३ अप्रैल : गांधीजीने 'यंग इंडिया' का सम्पादन-भार सँभाला। डा॰ किचलू से भेंट की।

४ अप्रैल : मदनमोहन मालवीय, मोतीलाल नेहरू तथा हकीम अजमल खाँसे हिन्दू-मुस्लिम एकतापर बातचीत।