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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

इसलिए मेरा सभी उन्नीसों अपीलकर्त्ताओंसे विनयपूर्वक निवेदन है कि वे कार्यक्रमकी तमाम तजवीजोंको परस्पर बाँट लें। हर टुकड़ी एक तजवीज लेकर उसपर विशेष रूपसे काम करे और जब किसी भी विभागमें सफलता दिखाई दे तब वे कांग्रेसके पास आयें कि वह इसे राष्ट्रीय कार्यक्रममें स्थान दे । पर यदि उन्होंने यह कार्यक्रम खुद अमलमें लानेका विचार किये बिना बनाया हो तो मैं उनसे निवेदन करता हूँ कि वे मेरे द्वारा प्रस्तुत कार्यको स्वीकार करें और खादी के काममें जुट जायें; यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें सभी काम करनेके इच्छुक व्यक्तियोंकी शक्ति-का पूरा-पूरा उपयोग हो सकता है।

[ अंग्रेजी से ]
यंग इंडिया, १७-७-१९२४

२०८. सभापति कौन हो ?

जबसे बेलगाँव के आगामी कांग्रेस अधिवेशनके सभापति पद के लिए मेरा नाम पेश किया गया है, मेरे मनमें दो विचारोंकी कशमकश चली है। शुरूमें तो मेरा यही खयाल था कि अपनी नामजदगीकी बातपर असहमति प्रकट कर दूं। पर मैं यह भी सोचता रहा कि राष्ट्रकी नावको आज जिस तूफानी मौसमका सामना करना पड़ रहा है उसमें उसे गन्तव्य स्थान तक सुरक्षित ले जानेके लिए शायद मैं ही सबसे अधिक उपयुक्त रहूँ। लेकिन अब मुझे साफ तौरपर दिखाई दे रहा है कि मेरा यह खयाल गलत था । कांग्रेसके आगामी अधिवेशनका पूरा चित्र अपनी आँखोंके सामने लाते ही मैं काँप उठता हूँ। अगले एक सालतक सभापतिकी हैसियतसे कांग्रेस कार्यकारिणीके कार्य-संचालनका खयाल आते ही बुद्धि चकरा जाती है। मैं अभीतक यह नहीं समझ पाया हूँ कि देश किस ओर जा रहा है। इसलिए मेरा मन कहता है कि इस नावका कर्णधार होने लायक मैं नहीं हूँ । चरखा, हिन्दू-मुस्लिम एकता और अस्पृश्यता निवारणके सिवा मेरे पास दूसरा कोई कार्यक्रम नहीं है। मैं दूसरे किसी कार्यक्रमको कार्यान्वित करने -- जैसे अंग्रेजी मालका बहिष्कार या धारासभाकी कार्यवाही के प्रति लोगोंमें उत्साह उत्पन्न करना -- के योग्य नहीं हूँ । ये तो अनेक सम्भावनाओंमें से कुछ नमूने ही हुए। यदि मैं सहायता नहीं कर सकता तो मैं कांग्रेसके भीतर रहकर रोड़े अटकाना भी उचित नहीं मानता। यह मेरे स्वभाव के खिलाफ है कि जिस कार्यक्रममें मेरा विश्वास न हो या हो न सकता हो, उसका दायित्व स्वीकार करूँ। इसके अलावा, अचानक आ पड़नेवाले मामलोंके लिए भी मेरा अपनेको इससे अलग ही रखना ठीक है । यदि कांग्रेसके प्रतिनिधिगण आधा घंटा सूत कातनेका मामूली-सा काम और अपने द्वारा काता गया २,००० गज अच्छा सूत हर महीने भेजनेकी तकलीफ गवारा नहीं कर सकते तो मैं नहीं समझता कि मेरे कांग्रेस में रहनेसे क्या लाभ होगा ? सभापतिकी हैसियतसे मेरा भाषण हाथ कताईका, मुसलमानों तथा दूसरी अल्पसंख्यक जातियोंके हितोंके लिए हिन्दुओं द्वारा अपनी सभी भौतिक महत्त्वाकांक्षाओंके