पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 24.pdf/४६७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४३७
अफीमके विरुद्ध संग्राम

अब ज्यादा खतरा नहीं है वैसे ही मौलाना शौकत अलीके साथ सिन्ध और पंजाब जानेका मेरा इरादा है।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, २४-७-१९२४

२२७ संतप्त दक्षिण

मानसून बहुत ज्यादा परेशान कर रहा है । दक्षिणमें जिधर देखो पानी ही पानी है और उत्तर वर्षाके लिए तरस रहा है । दक्षिण कनारासे एक हृदयद्रावक तार आया है। उसमें कहा गया है :

विनाशकारी बाढ़ फिर आ गई। नदीको सतह सामान्य सतह से चालीस फुट ऊँची । पिछले सालके मुकाबले में सिर्फ चार फुट नीची है।

इस समाचारके बाद उस तारमें बेघरबार हुए परिवारोंका और लोगोंका आतंकित होकर इधर-उधर भागनेका विस्तृत विवरण है। स्वयंसेवक आशा कर रहे थे कि पिछले सालकी बाढ़ के बाद जो सहायता कार्य किया गया था, उससे भूखों मरते परिवार फिर अपने पाँवोंपर खड़े हो सकेंगे । अब ऐसी आशा कदापि नहीं की जा सकती । पाठकोंको याद होगा कि स्वयंसेवकगण कताई और धुनाईका काम देकर परिवारोंको संगठित कर रहे थे । किन्तु प्रकृतिने इन बेचारे बेघरबार परिवारोंके भाग्य में और भी अधिक विपत्तियाँ लिख रखी हैं । तब श्री सदाशिवरावका सहायताकी अपील करना उचित ही है । हमें आशा करनी चाहिए कि बाढ़ से इतनी गम्भीर क्षति नहीं हुई होगी जितनी इस विवरणसे प्रतीत हो रही है । हम अधिक विस्तारपूर्ण और सही विवरणकी प्रतीक्षा व्यग्रता के साथ कर रहे हैं ।

[ अंग्रजीसे ]
यंग इंडिया, २४-७-१९२४

२२८. अफीमके विरुद्ध संग्राम

'व्हाइट क्रॉस' एक अन्तर्राष्ट्रीय मादकद्रव्य-विरोधी संस्था है । इसका मुख्य कार्यालय वाशिंगटनमें है । इसकी शाखाएँ शायद संसारके सभी देशोंमें हैं । संस्थाकी ओरसे लिखे जानेवाले पत्रोंके लिए जो छपे कागज प्रयुक्त किये जाते हैं उनपर दिये गये नामोंमें न्यासियों तथा स्थायी सदस्योंके रूपमें बड़े-बड़े प्रतिष्ठित लोगोंके नाम मौजूद हैं। उसके कार्यकारी मन्त्री, श्री मैक्किब्बेनने अफीमके विरुद्ध किये जानेवाले इस संस्थाके जिहादमें भारतका सहयोग प्राप्त करनेका अनुरोध करते हुए मुझे एक लम्बा पत्र भेजा है। उस पत्रमें से मैं निम्न अंश उद्धृत करता हूँ :[१]

  1. १. यहाँ नहीं दिया जा रहा है ।