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२७९. तार : अ० भा० कां० कमेटीके महामन्त्रीको[१]

५ अगस्त, १९२४

दोनोंको पिछले हफ्ते तार दिया कि बाढ़ बहुत भयंकर और कांग्रेसके बसके बाहरकी बात। हमें गैर-सरकारी संगठनोंसे और यदि सरकार हमारी सेवा ले तो उससे भी सहयोग करना चाहिए । व्यक्तिगत सेवा तो सदैव दी जा सकती है; दी भी जानी चाहिए। यदि कांग्रेसके लिए सम्भव हो तो वह विशेष चन्दा जरूर जमा करे।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १००९७) की फोटो-नकलसे ।

२८०. एनी बेसेंटको[२] आदराञ्जलि

साबरमती
६ अगस्त, १९२४

जैसा कि सभी लोग जानते हैं, राजनीति और सिद्धान्तोंके विषयमें दुर्भाग्यवश मैं कुछ ऐसे विचार रखता हूँ जो डा० एनी बेसेंटके विचारोंसे बुनियादी तौरपर भिन्न हैं। लेकिन इस तथ्य के बावजूद एक उच्च चरित्र, महान उद्देश्य, अथक शक्ति और दुर्दमनीय साहसवाली महिलाके रूपमें उनके प्रति मेरा आदर किसी तरह कम नहीं होता। वे भारतको उतना ही प्यार करती हैं जितना कोई श्रद्धालु बेटी अपनी माँको करती है। उनकी उद्यमशीलता और लगन हमारे लिए ईर्ष्याकी चीज है। लोकप्रियता खोनेका खतरा उठाकर भी उन्होंने असहयोगका विरोध करके अद्भुत साहस प्रदर्शित किया था। ईश्वर उन्हें भारत और मानवताकी सेवाके लिए दीर्घायु करे ।

मो० क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]
महादेव देसाईकी हस्तलिखित डायरीसे ।
सौजन्य : नारायण देसाई
  1. १. यह तार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटोके महामन्त्री द्वारा इलाहाबादसे भेजे गये ४ अगस्तके तारके उत्तरमें था जिसमें कहा गया था: “श्रीनिवास आयंगारका सुझाव है कि बाढ़-सहायता के लिए पचास हजार तुरन्त स्वीकार किये जायें। राजगोपालाचारी तमिलके लिए सुरक्षित ऋणमें से १५ हजार रुपये सहायता के रूप में दिये जानेकी प्रार्थना करते हैं। अखिल भारतीय कोषमें फिक्स्ड डिपाजिटमें एक लाख पचीस हजार और करेंट अकाउंटमें बाइस हजार रुपये हैं। वारह हजारकी देनदारियाँ हैं। दोनों प्रार्थनाओंके सम्बन्ध में अपनी सम्मति तार द्वारा भेजे।
  2. २. यह सन्देश श्रीमती बेसेंटकी सार्वजनिक सेवाके ५० वर्ष पूरे होनेपर भेजा गया था।