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३१६. तार : बम्बई नगर निगमको[१]

[ साबरमती
१२ अगस्त, १९२४ या उसके पश्चात् ]

अध्यक्ष
नगर निगम
बम्बई

आपका तार मिला । २९ को बम्बई सहर्ष पहुँच जाऊँगा ।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ८८११ ) की फोटो-नकलसे ।

३१७. पत्र : नगीनदास अमुलख रायको[२]

साबरमती
१३ अगस्त, १९२४

मैं आपकी पहली किताब[३] पढ़ गया हूँ । देखता हूँ कि इसे लिखने में आपने बहुत परिश्रम किया है। पाठ्य सामग्रीका क्रम कुल मिलाकर बहुत सुन्दर है । मुझे इसमें कोई भी स्थल लेखकके उद्देश्यसे बेमेल नहीं दीख पड़ा । इसका अनुवाद किया जाये तो कुछ अनुचित प्रतीत नहीं होता ।

[ गुजराती से ]
गुजराती, २-११-१९२४
  1. १. यह तार बम्बई नगरनिगमके अध्यक्ष द्वारा ११ अगस्त, १९२४ को भेजे गये एक तारके जवाब में दिया गया था। वह तार गांधीजीको १२ अगस्तको मिला था और उसका मजमून यह था : “निगम द्वारा भेंट किये जानेवाले मानपत्रके लिए सर कावसजी जहाँगीर हाल ३० तारीखको खाली नहीं । कृपया मानपत्र स्वीकार करनेके लिए शुक्रवार २९ को तीसरे पहरका समय निकालिए । ”
  2. २. गांधीजीने यह पत्र प्रेषी द्वारा १९२३ में सम्पादित और प्रकाशित 'गांधी शिक्षण' नामक पुस्तक मालाके सम्बन्ध में लिखा था ।
  3. ३. उक्त पुस्तक-मालाकी १३ पुस्तकों में से पहली पुस्तक सत्याग्रह ।