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करें। अपने सम्बन्धमें तो सर्वसाधारणको और दूसरे लोगोंको मुझे यह जताते ही रहना होगा कि जबतक मैं स्वयं किसी विवरणको प्रमाणित न कर दूं तबतक वे, मेरे बारेमें प्रस्तुत किसी भी विवरणपर विश्वास न करें। मेरे सारे ही शब्द अखबारोंको भेज दिये जायें इसकी मुझे कोई उत्सुकता नहीं रहती । वे जो कुछ भेजना चाहते हैं यदि उसे मेरे द्वारा प्रमाणित नहीं करा पाते तो वे मेरे भाषण या वक्तव्यको कतई न भेजें ; यह उनकी कृपा होगी ।

मुझे यह इसलिए कहना पडता है कि मुझे अपने विचारोंकी गलत रिपोर्टो कई कष्टकर अनुभव हुए हैं । १८९६ में मैने हिन्दुस्तानमे दक्षिण अफ्रीका के ब्रिटिश भारतीयों के बारेमें ३० या कुछ अधिक सफोंकी एक पुस्तिका प्रकाशित की थी।[१] राय-टरने उसका सार पाँच लकीरोंमें तारसे[२] नेटाल भेज दिया । उस पुस्तिकामें मेरा कहने-का जो कुछ भी अभिप्राय था तारका मजमून उसके बिलकुल ही खिलाफ था। बिलकुल ही गलत इस खबरसे नेटालके गोरे भड़क उठे; और जब मैं नेटाल लौटा तो क्रोधसे पागल एक भीड़ने मुझे इतना मारा कि मैं मरते-मरते बचा। मेरे वकील मित्रोंने मुझसे क्षति पूर्ति का दावा करने के लिए आग्रहपूर्वक कहा; लेकिन उस वक्त भी मैं सत्याग्रही था। मैंने दावा करनेसे इनकार किया[३] । दावा न करनेसे मेरा कुछ बिगड़ा भी नहीं । जब उन लोगोंने देखा कि मैं कोई बुरा आदमी नहीं हूँ और मुझे कुछका कुछ समझकर उन्होंने अत्याचार ही किया है तो उन्हें अपनी भूलपर पछतावा हुआ । इसलिए अन्ततोगत्वा संयम बरतनेसे मेरा कुछ भी नुकसान नहीं हुआ । लेकिन इससे भी अधिक यश मुझे मिले तो भी मैं वैसा दूसरा अनुभव नहीं करना चाहता। मैं अभी और सेवा करते रहना चाहता हूँ; लेकिन यह ईश्वरकी इच्छापर निर्भर है । इसलिए मैं संवाददाताओंसे कहता हूँ कि अभी कुछ अरसेके लिए वे मुझे बचाये रहें ।

मलाबार के लिए सहायता

ऊपरकी पंक्तियाँ मैंने सिर्फ संवाददाताओं और जनताको सावधान करनेके लिए ही नहीं लिखी हैं। अच्छी से अच्छी परिस्थितियोंमें भी ऐसी गलतियाँ होती ही रहेंगी। मैं भलीभाँति जानता हूँ कि अहमदाबादमें अथवा प्रधान कार्यालयों में जानबूझ-कर कोई उपेक्षा नहीं की गई। लेकिन मैं इस अवसरका उपयोग पीड़ितोंके लिए अधिक पैसा प्राप्त करनेके लिए करना चाहता हूँ। जो लोग मेरी कथित हृदयहीनता पर नाराज थे, मैं उन सबको इन दुखियोंके लिए अपनी सामर्थ्य-भर अधिकसे-अधिक मदद के लिए आमन्त्रित करता हूँ । 'नवजीवन' के पाठकोंसे मैंने अपनी बचतमें से ही नहीं, बल्कि अपनी आवश्यकताकी वस्तुओं में से भी कुछ बचाकर देनेको कहा है।[४] यहाँतक कि वे अपने वस्त्र और भोजनमें से भी कटौती करें। लोगोंकी इसपर बड़ी

  1. १. देखिए खण्ड २, पृष्ठ १-७६ ।
  2. २. रायटर के तारके लिए देखिए खण्ड २, पृष्ठ २००१
  3. ३. देखिए खण्ड २, पृष्ठ १७८ ।
  4. ४. देखिए “मलाबारमें बाढ़", १०-८-१९२४ ।