पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/११९

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५६. कसौटीपर पिछले महीने भिन्न-भिन्न प्रान्तोंसे प्राप्त सूतकी, अखिल भारतीय खादी बोर्ड द्वारा की गई परीक्षाके निम्न परिणाम बड़े रोचक तथा शिक्षाप्रद होंगे । आन्ध्र भारत में सर्वोत्तम कताई- क्षेत्रके रूपमें इस प्रान्तसे जो अपेक्षा की जाती थी उसे यह पूरा नहीं कर पाया । कुल मिलाकर ४२९ पैकेट प्राप्त हुए। इनमें से ५० पैकेटों में ऐसा सुत है जिसमें बट जरूरत से ज्यादा हैं और जिसकी कताई अच्छी नहीं कही जा सकती । गुंडियाँ लम्बाईकी दृष्टिसे बहुत ही अलग-अलग हैं । एक तो ६ फुट लम्बी है और कुछकी लम्बाई सिर्फ ९-१० इंच है। इन ९-१० इंचवाली गुंडियोंको सुलझानेमें समय और सूतकी बहुत बरबादी होगी । खासकर इसलिए कि उनकी लच्छियाँ बाँधी नहीं गई हैं । बहुतेरी गुंडियोंमें लगता है घटिया किस्मकी रुईसे ऊँचे नम्बरका सूत कातनेकी कोशिश की गई है और सूतपर छिड़काव नहीं किया गया है । नीचे उन लोगोंकी सूची दी जा रही है जिन्हें “सम्मानपूर्वक " उत्तीर्ण हुआ माना जा सकता है । १. श्री एम० पापाराव प्रकार गज सूतका अंक ६६६ ५५ बहुत अच्छा २. 37 के० सूर्यनारायण २६६० ४९ बहुत अच्छा 37 ३. एम० लक्ष्मी नरसिंह ५७०० ४७ सामान्य ४. 37 पी० कनकम्मा २००० ४८ अच्छा 37 ५. के० अश्वत्थाचार्युलु २००० ४१ सामान्य तके साथ नाम आदिको पचियाँ और सूचियाँ बिलकुल ठीक हैं । असम यदि मात्रा बहुत कम न होती तो सूतके ऊँचे दर्जेको देखते हुए यह कमी पूरी हुई मानी जा सकती थी । अगर छिड़काव किया जाता तो सूतका दर्जा और भी अच्छा होता। सम्मानसहित उत्तीर्ण : १. श्रीयुत शिवप्रसाद बर्ना २९४० ४० अजमेर अच्छा राजपूताना के दूसरे हिस्सोंकी अपेक्षा यहाँसे ज्यादा अच्छा सूत प्राप्त हुआ है । बम्बई एक बड़ी विशेषता, जिससे दूसरी कमियाँ ढक जाती हैं, यह है कि यहाँ सुत कातनेवालोंमें स्त्रियों की संख्या पुरुषोंसे अधिक है और इनमें से चार तो पारसी स्त्रियाँ Gandhi Heritage Portal