पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/१२१

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कसौटीपर ८७ सूत है, दूसरी में ५५ नम्बरका और शेषमें ४० या इसीके आसपासका । खादी मण्डल- के कुछ सदस्योंने ३० नम्बरतक का बहुत अच्छा सूत भेजा है । सूचियाँ और पचियाँ ठीक हैं । दिल्ली सिर्फ १२ पॅकेट भेजे गये हैं जिनमें से एक पैकेटमें अच्छा कता सूत है पर उसमें भी पर्ची ऐसी है कि भेजनेवालेका नाम भी कर्नाटक मात्रा बहुत कम है लेकिन किस्म अच्छी है। नहीं पढ़ा जा सका । हुआ ही है । सर्वोत्तम कताई करनेवाले लोग निम्नलिखित हैं : सभी सूत बिना छिड़काव किया १. श्रीयुत शंकर जी० गोलटगी २०४० ३८ बहुत अच्छा २. 37 ३. " डा० डी० आर० हुलियालकर २००० भीमराव नगावी ४० सामान्य २०४० ३८ अच्छा महाराष्ट्र कुल मिलाकर बहुत मामूली । रत्नागिरी और भुसावल जैसी एक दो जगहोंसे प्राप्त सूतको देखनेसे यह लगता है कि सधे हुए कातनेवालोंने काता है। श्री दास्तानेने १४ नम्बरका सूत भेजा है, जो अच्छा है। सूचियों और पचियोंका मेल नहीं बैठता । पंजाब मात्रा बहुत कम है और एक-दो नमूनोंको छोड़कर सुतकी किस्म भी पंजाबकी प्रतिष्ठाके अनुकूल नहीं है । स्थिति बहुत खेदजनक है । सिन्ध सधी हुई कताईका कोई उदाहरण नहीं मिलता । तमिलनाड सूत आमतौरपर अच्छी किस्मका है। मात्राके सिवाय और बातोंमें यह बंगालकी बराबरी करता है । वाइकोमके स्वयंसेवकों द्वारा काफी बड़ी मात्रामें भेजा गया सूत विशेष रूपसे उल्लेखनीय है । यह आमतौरपर अच्छा है । सम्मान विजेता : १. श्रीयुत मीनाक्षी सुन्दरम् २. " षण्मुख सुन्दरम् पिल्लै २०४० २५२० ९७ अच्छा ८० अच्छा सूचियाँ भारत-भरमें सबसे अच्छी तैयार की गई हैं। संयुक्त प्रान्त अच्छी कताईके तो बहुत कम नमूने देखनेको मिले, लेकिन कुछ बहुत अच्छे अपवाद भी हैं : Gandhi Heritage Portal