पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/१२२

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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय ८८ १. पण्डित जवाहरलाल नेहरू २. श्रीमती कमला नेहरू ३. श्रीयुत शम्भूनाथ ४. पुरुषोत्तमदास टण्डन ४०५१ २३ से ४० बहुत अच्छा २५४८ १७ से २२ अच्छा २२६५ १५ अच्छा २८०० १४ सामान्य उत्कल कुल मिलाकर मामूली । लेकिन संयुक्त प्रान्तकी तरह कुछ अच्छे अपवाद भी हैं । १. श्रीयुत विश्वनाथ परीडा २. बिकनचरन होता 37 ३. 13 गोपबन्धु चौधरी ४. 33 निरंजन पटनायक ५. 37 मोहम्मद हनीफ २००० ३० अच्छा २००० २८ अच्छा २००० २१ अच्छा २२२३ १९ अच्छा २००० १६ अच्छा बर्मा, बरार, केरल कहने लायक सूत प्राप्त नहीं हुआ । इस प्रकार सब जगह सुधारकी गुंजाइश है । गुंडियोंकी लम्बाईमें कमसे कम हर प्रान्तको तो एकरूपता प्राप्त करनी ही चाहिए। इससे बाद के खर्च में बचत होती है । यज्ञके भावसे स्वेच्छापूर्वक काम करनेकी प्रणालीके अधीन जहाँ हर आदमी प्रेमके कारण कताई करता है, हमें भी उसमें पूर्णता प्राप्त कर सकनी चाहिए बशर्ते कि अ० भा० खादी बोर्ड द्वारा समय-समयपर जारी की गई विस्तृत हिदायतोंको हम ध्यान में रखें। मैं श्रीमती अपर्णादेवीको बधाई देता हूँ जो कताई प्रतियोगिता में प्रथम आई हैं । [ अंग्रेजीसे ] यंग इंडिया, ४-९-१९२४ ५७. जेलके अनुभव -- ११' मेरा पठन [ - १] जब मैं बच्चा था तब पाठशालाकी पुस्तकोंके अलावा और कुछ पढ़नेका मुझे कोई खास शौक नहीं था । पाठ्य-पुस्तकोंमें ही मुझे चिन्तनकी काफी सामग्री मिल जाती थी, क्योंकि पाठशालामें जो पढ़ता उसपर अमल करना मेरा सहज स्वभाव था । घरपर पढ़ने से मुझे बहुत अरुचि थी। घर के लिए दिये गये पाठ मजबूरन ही पढ़ता था। जब मैं विलायत में पढ़ रहा था तब भी परीक्षोपयोगी पुस्तकोंके अलावा कुछ न पढ़नेकी मेरी आदत बनी रही । परन्तु जब मैंने संसारमें प्रवेश किया तब मुझे खयाल हुआ कि सामान्य ज्ञान प्राप्त करने के लिए भी मुझे पढ़ना चाहिए। लेकिन, १. पहली किस्त १७-४-१९२४ के यंग इंडिया में प्रकाशित हुई थी; देखिए खण्ड २३, पृष्ठ ४७५-७८ । Gandhi Heritage Porta