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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

स्वर्गका अर्थ है, अपनी इच्छा-शक्तिको भगवानके प्रेमकी प्राप्तिमें नियोजित करना।

नरकका अर्थ है, भगवानका कोप मोल लेना।

अपनी बेतरतीब-सी नोट-बुकके पन्ने पलटते हुए, दूसरी पुस्तकोंके पठनके दौरान संगृहीत कुछ और उद्धरण भी यहाँ दे रहा हूँ।

उनमें से निम्नलिखित अंश सत्याग्रहियोंके कामका है:

जो द्वेष, उपहास और गालियोंके भयसे मौन धारण करके उस सत्यसे पीछे हट जाते हैं जिसका शोध और मनन उनका धर्म है, वे गुलाम हैं।

दो या तीन आदमियोंके साथ मिलकर जो सत्यकी हिमायत करनेका साहस न करें, वे गुलाम हैं।---लॉवेल ('टॉम ब्राउन्स स्कूल डेज' से)।

इसी विषय से सम्बन्ध रखनेवाला एक और उद्धरण क्लॉड फील्डके 'मिस्टिक्स ऐंड सेंट्स ऑफ इस्लाम' से देता हूँ:

जब शाहजहाँके क्रोधसे बचनेके लिए सूफी शाह मुल्लाशाहको भाग जानेकी सलाह दी गई, तो उन्होंने कहा, "मैं कोई पाखण्डी नहीं हूँ जो भागकर अपनी जान बचाऊँ। मैं एक सत्यवक्ता हूँ। मृत्यु और जीवन मेरे लिए समान हैं। मैं तो चाहूँगा कि अगले जन्ममें भी मैं अपने खूनसे सूलीको रंग दूँ। मैं अमर और अनश्वर हूँ; मृत्यु मुझसे भय खाती है, क्योंकि मेरे ज्ञानने मृत्युको जीत लिया है। मैं उस धामका निवासी हूँ जहाँ सब रंग मिटकर एक हो जाते हैं।" मन्सूरी हलाजने कहा है, "बँधे हुए व्यक्तिके हाथ काट देना आसान है, परन्तु मुझे भगवानसे जोड़नेवाले बन्धनको काटना सचमुच बड़ा ही कठिन काम है।"

एक और उद्धरण लॉवेलसे देता हूँ। यह दाताओंको मलाबारके पीड़ितोंके लिए उदात्त भावनासे अपनी अच्छी से अच्छी वस्तु देनेकी प्रेरणा प्रदान करे।

ईसाके पवित्र भोजनकी क्रिया करनेका अर्थ यह नहीं कि जो तंगीमें हो उसे केवल कुछ दे दिया जाये; उसका अर्थ यह है कि हमारे पास जो हो उसमें से उसे हिस्सा दिया जाये। दाताकी भावनाके बिना दान व्यर्थ है। दानके साथ जो अपना तन, मन भी देता है वह तीन आदमियोंका पोषण करता है--अपना, भूखे पड़ोसीका और मेरा भी।

अहिंसा धर्म के माननेवालोंको निम्नलिखित वाक्यसे बल मिलेगा:

"किसीका बुरा चाहना, बुरा करना, बुरा बोलना या बुरी कल्पना करना, सबके लिए समान और निरपवाद रूप में निषिद्ध है।"

टर्टुलियन

(जे० ब्रीअर्ली-कृत 'अवरसेल्वज ऐंड द यूनिवर्स' से)

अन्तिम पुस्तकें, जिनका मैं उल्लेख करना चाहता हूँ, कनिंघम-कृत मेकॉलिफ-कृत और गोकुलचन्द नारंग-कृत सिखोंके इतिहास हैं। ये सब पुस्तकें अपने-अपने ढंगकी अच्छी कृतियाँ हैं। सिखोंके पूर्व इतिहास और उनके गुरुओंके जीवनको समझे