पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/२७१

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१७०. बम्बईके महिला शिष्टमण्डलको उत्तर

१ अक्तूबर, १९२४

बम्बईकी महिलाओंका एक शिष्टमण्डल, जिसमें राष्ट्रीय स्त्री सभाकी मन्त्री श्रीमती कैप्टन, श्रीमती मीर अली, श्रीमती गोखले, श्रीमती ठाकुर और कुमारी पेटिट शामिल थीं, कल महात्मा गांधीसे मिला और उनसे उपवास तोड़नेका अनुरोध किया।

महात्माजीने उत्तरमें कहा कि मैंने निश्चय किया है कि मैं उपवास निर्धारित अवधितक जारी रखूँगा और मुझे विश्वास है कि मैं उसे बिना किसी विघ्न-बाधाके पूरा कर लूँगा।

[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दुस्तान टाइम्स,२-१०-१९२४

१७१. क्या गुजरात हार जायेगा?

बुधवार, आश्विन सुदी ३ [१ अक्तूबर, १९२४]

आन्ध्रदेश और बंगालने गुजरातको कतैयोंकी संख्यामें हरा देने की धमकी दी है। यदि इनमें से एक भी प्रान्त गुजरातको हरा देगा तो मैं उसे अवश्य मुबारकबाद दूँगा। लेकिन गुजरात हारे क्यों? पूर्ण प्रयत्न कर लेनेके बाद हारमें भी जीत ही है। गुजरातने तो अभी प्रयत्न शुरू ही किया है। तमाम शिक्षक लोग अभी कहाँ कातते हैं? विद्यार्थी कहाँ कातते हैं? अगर ये सब, और सभाओंमें हाजिर रहनेवाले गुजरातके असंख्य भाई-बहन कातने लगें और फिर गुजरात हार जाये तो कोई हर्ज नहीं। बाजी कार्यकर्त्ताओंके हाथ है। कार्यकर्त्ताओ, सावधान!

[ गुजराती से ]
नवजीवन, ५-१०-१९२४