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तार: शाहजी अहमद अलीको

प्रचार तो फकीरोंके द्वारा हुआ है। इस्लामका प्रचार हुआ है सचाई, फकीरी और बहादुरी के जरिये। यह बात तो सब लोग कबूल करेंगे कि इस्लामका बचाव तलवारसे हुआ है, पर उसके प्रचारका श्रेय तो फकीर लोग ही ले सकते हैं। इसीसे मैं कहता हूँ कि जबरदस्तीसे या लालच देकर अथवा ऐसे ही दूसरे तरीकोंसे इस्लामका प्रचार करना इस्लामकी सेवा करना नहीं, बल्कि उसकी हानि करना है। यह भी मैं इसीलिए कहता हूँ कि मैं इस्लामको चाहता हूँ।

[ गुजरातीसे ]
नवजीवन, २६-१०-१९२४

१९६. तार: मोतीलाल नेहरूको

[ १७ अक्तूबर, १९२४ या उसके पश्चात् ][१]

नागपुरके मुसलमानोंका तार आया है कि आप, दास या जवाहर नागपुर जायें और डा० महमूद साथ मिलकर पंच-फैसला दें। वे उसको अन्तिम निर्णय मान लेंगे। क्या आप अभी नागपुर जा सकते हैं? यदि यह असम्भव हो तो इसे जवाहरलालको दिखायें। उसे भेजें।

अंग्रेजी प्रति ( एस० एन० १०४८९ ) की माइक्रोफिल्मसे।

१९७. तार: शाहजी अहमद अलीको

[ १७ अक्तूबर, १९२४ या उसके पश्चात् ]

मोतीलालजीको तार दिया कि स्वयं जायें या जवाहर को भेजें। दास शिमलामें स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं।

अंग्रेजी प्रति ( एस० एन० १०४८९ ) की माइक्रोफिल्म से।

२५-१७
 
  1. इसमें उल्लिखित तार नागपुरके मुसलमानोंकी ओरसे खिलाफत-समिति, नागपुरके शाहजी अहमद अलीने १७ अक्तूबर, १९२४ को भेजा था। यह तिथि उसीके आधारपर निश्चित की गई है।