पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/२९८

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२०५. तार: पीलीभीत कांग्रेस कमेटी के मन्त्रीको[१]


[ २० अक्तूबर, १९२४ या उसके पश्चात् ]

मामलेका पूरा विवरण भेजें।

गांधी

यह तार मुहम्मद अलीको फोनपर पढ़कर सुना दीजिए। उनसे कहिए कि वे मुसलमानोंको तार दें। इसके बाद मुहम्मद अलीका उत्तर मन्त्रीको तार द्वारा सूचित करें। तारका हमारा उत्तर मुहम्मद अली जो-कुछ कहेंगे, उसपर निर्भर करेगा। क्या आपने मुसलमानोंको तार देनेका सुझाव दिया था?[२]


अंग्रेजी प्रति ( एस० एन० १०४९१ ) की माइक्रोफिल्मसे।

२०६. तार: मोतीलाल नेहरूको[३]


[ २० अक्तूबर, १९२४ या उसके पश्चात् ]


आप नागपुरमें डा० महमूदके रहते वहाँ जा सकें तो मेरा खयाल है, काम चल जायेगा। तिथि बढ़ाने की बात मंजूर करते हुए दासको तार दिया।

कृपया पता करें कि तार किसने प्राप्त किया और मुझे क्यों नहीं दिखाया गया।[४]

अंग्रेजी प्रति ( एस० एन० १०४२९ ) की माइक्रोफिल्मसे।

  1. यह पीलीभीत कांग्रेसके मन्त्रीके २० अक्तूबरके तारके उत्तरमें भेजा गया था, जिसमें उन्होंने स्थानिक हिन्दू-मुस्लिम तनाव दूर करनेके लिए दो नेताओंको भेजनेका अनुरोध किया था।
  2. गांधीजीने ये वाक्य प्राप्त तारके काग़जपर गुजरातीमें लिखे थे।
  3. यह पं० मोतीलाल नेहरूके २० अक्तूबरके निम्नलिखित तारके उत्तर में दिया गया था: "स्थानीय हिन्दू-मुस्लिम वार्ताके कारण रुक गया। मुंजे जवाहरके साथ जा रहे हैं; उन्हें आपकी हिदायतोंका इन्तजार है। जवाहर पहलेसे अच्छा लेकिन सफर करनेमें असमर्थ। जरूरत हो तो मैं आज रात रवाना हो सकता हूँ। मुंजेको तार दिया है। दासका तार आया है कि दिल्ली की बैठक ३१ को हो। तारसे निर्देश दें।"
  4. यह वाक्य गांधीजीने पंडित मोतीलाल नेहरूसे प्राप्त तार वाले कागजपर ही लिख दिया था।