पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/३६२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३२६
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

श्रीमती नायडू कान्फ्रेंसकी तैयारी करनेके लिए कल रवाना होंगी। शायद तुम्हें मालूम न हो कि मैं डा० अन्सारीके घर टिका हुआ हूँ।

तुम्हारा,
मो० क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]

महादेव देसाईकी हस्तलिखित डायरीसे।

सौजन्य: नारायण देसाई

२६७. पत्र: लाला लाजपतरायको

द्वारा डा० अन्सारी
दरियागंज
१२ नवम्बर, १९२४

प्रिय लालाजी,

पत्रके उत्तरमें विलम्बके लिए आप क्षमा करेंगे। आप जानते ही हैं कि मुझे कलकत्ता भागना पड़ गया था और वहाँ मुझे मिनट-भरकी भी फुरसत नहीं मिल पाई कि कुछ लिखू़ँ। अब भी मुझमें पूरी शक्ति नहीं आ पाई है।

रावलपिण्डी आकर मैं क्या करूँगा? अब देखता हूँ, हिन्दुओंने तो कमिश्नर की शर्तें भी स्वीकार कर ली हैं। मैं उन्हें कोई राहत नहीं पहुँचा सकता; वहाँ सत्यकी जानकारी पा सकना भी मेरे लिए मुश्किल है। उन्हें कोई भौतिक सुख-सुविधा भी मैं नहीं दे सकता। यह काम तो बहुत-सी संस्थाएँ कर रही हैं। जो एक काम मैं उपयोगी ढंगसे कर सकता हूँ, उससे भी मैं लाचार कर दिया गया हूँ। अगर आप अब भी समझते हों कि मुझे रावलपिण्डी आना ही चाहिए तो मैं आ जाऊँगा। लेकिन अब तो बम्बईकी बैठकके बाद ही यह सम्भव होगा।

फिर हमारे मिलनेकी भी बात है। डा० सत्यपालका[१] कहना है कि पंजाब राजनैतिक परिषद्[२]दिसम्बरके पहले हफ्तेमें होनेवाली है। क्या आप तबतक वहाँ रहेंगे? हम लोग उसी अवसरपर मिलेंगे या उससे पहले? मुझे तो मंगलवारको यहाँसे चल देना है। क्या आप बम्बई जा रहे हैं? आपका स्वास्थ्य यह गवारा करेगा? अगर आप बम्बई न जा रहे हों और चाहते हों कि मैं दिसम्बरसे पहले ही आपसे मिलूँ तो कृपया तार द्वारा सूचित करें। आगामी १८ तारीखको अर्थात्

  1. पंजाबके कांग्रेसी नेता, जिन्हें १० अप्रैल, १९१९ को निर्वासित किया गया था।
  2. मूलमें पी० पी० कान्फ्रेंस है, जो अनुमानतः उक्त शब्दोंका ही संक्षिप्त रूप है।