पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/३६३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३२७
पत्र: लाला लाजपतरायको

मंगलवारको मुझे यहाँसे बम्बई रवाना हो जाना है। सोमवार मेरा मौनवार है, उस दिन तो मैं कुछ करता नहीं हूँ। इस हालतमें मेरे लिए जो सम्भव है वह यही कि शुक्रवारकी रातको यहाँसे चलूँ, शनिवार आपके साथ बिताऊँ और उसी दिन रातमें चलकर रविवारको यहाँ लौट आऊँ। अगर यह नहीं हुआ तो फिर हमारा मिलना दिसम्बरके आरम्भमें ही हो सकेगा---मतलब यह कि अगर हम बम्बईमें नहीं मिल सके तब। अब आप जो उचित समझें आज्ञा दें।

मेरे तथा दास और मोतीलालके हस्ताक्षरोंसे प्रकाशित वक्तव्यपर मैं आपके विचार जानना चाहूँगा। परिस्थिति ज्यादासे ज्यादा जटिल है और सबसे बुरी बात तो यह है कि यद्यपि हर आदमी समाधानके लिए मेरी ही ओर देखता है, किन्तु मुझे लगता है कि मेरे लिए कहीं कोई स्थान ही नहीं। मेरे इतने सारे शिक्षित देशभाइयोंको मेरी योजना निरी अव्यावहारिक लगती है, जबकि मुझे देशके लिए एक-मात्र यही योजना व्यावहारिक जान पड़ती है।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

[ पुनश्च: ]

उक्त अंश लिखनेके बाद आपका गत ११ तारीखका पत्र मिला। इसे पढ़नेके बाद आपको यदि लगे कि मुझे बम्बई जानेसे पहले ही रावलपिण्डी आ जाना चाहिए तो तार द्वारा सूचित करें। मैं तुरन्त चल पड़ूँगा और यदि आप लाहौरमें मुझे मिल जायें तो हम लोग रास्तेमें भी बातचीत करते जायें। अभी मेरा स्वास्थ्य जैसा है, उसे देखते हुए यह सब मुझपर बहुत कठिन गुजरेगा, लेकिन अगर इससे गुजरना ही पड़ा तो ऐसा नहीं है कि इसे बरदाश्त नहीं कर पाऊँगा। पत्र मिलते ही तार द्वारा सूचित करें कि मैं क्या करूँ--सीधा पिण्डी पहुँच जाऊँ या एक दिनके लिए आपके पास आ जाऊँ। अगर आप मुझे पिण्डी भेजें तो मैं वहाँ सिर्फ एक दिन रुक पाऊँगा; क्योंकि मंगलवार की रातमें तो मुझे बम्बई रवाना हो ही जाना है।

मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है कि समझौता बम्बईमें ही सम्पन्न हो जाये। आपके इस विचारसे मैं पूरी तरह सहमत हूँ कि इसमें जल्दबाजी नहीं करनी है। किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचनेसे पहले स्थिति की पूरी जाँच-पड़ताल हो जानी चाहिए। कान्फ्रेंस स्वराज्यके सवालपर भी विचार करने नहीं जा रही है। हो सकता है, उसकी रूप-रेखा तैयार करनेके लिए कोई छोटी-सी समिति नियुक्त करनी पड़े, जो अपनी योजना फिर ऐसी ही किसी कान्फ्रेंसके विचारार्थ प्रस्तुत करे। लेकिन, मुख्यतः कान्फ्रेंसका काम यह तय करना होगा कि दमनका उत्तर किस प्रकार दिया जाये और सभी दल कांग्रेसमें किस तरह शामिल हों। आज जो सज्जन मुझसे मिलने आये उन्होंने बताया कि अब आप पहलेसे अच्छे हैं और इस समय बम्बईकी आबो-हवा आपको पंजाबकी कड़ी आबोहवाकी बनिस्बत ज्यादा रास आ सकती है। लेकिन इसका फैसला तो सबसे अच्छी तरह आप ही कर सकते हैं कि अभी आपको बाहर