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२९५. भाषण: कांग्रेस कार्य समितिको बैठकमें[१]

२१ नवम्बर, १९२४

कांग्रेस कार्य समितिको बैठक २१ नवम्बरको सुबह साढ़े आठ बजे गांधीजीके निवासपर हुई। निम्नलिखित सदस्य उपस्थित थे:

मुहम्मद अली, मो० क० गांधी, शौकत अली, डा० अन्सारी, कोण्डा वैंकटप्पैया, गंगाधरराव देशपाण्डे, वल्लभभाई झ० पटेल और शंकरलाल बैंकर।

विषय-सूचीमें जो नेमी और प्रशासनिक ढंगके गैर-महत्वपूर्ण विषय थे, उन्हें निपटानेके बाद कांग्रेस कार्य समितिने विषय-सूचीके विषय २ और ३ पर विचार आरम्भ किया। ये विषय थे, (१) देशको वर्तमान राजनीतिक स्थिति और (२) कांग्रेसके सम्मुख प्रस्तुत किया जानेवाला कार्यक्रम।

गांधीने सुझाव दिया कि इस प्रश्नपर चूँकि दो मत नहीं हैं इसलिए यह उचित ही होगा। सम्मेलनके सामने एक ऐसा प्रस्ताव पेश किया जाये जो सम्मेलनमें भाग लेनेवाली सभी पार्टियों को स्वीकार्य हो। उन्होंने तर्क दिया कि यदि हमने अन्य सवाल उठाये, जैसे कि कांग्रेसका सिद्धान्त और सदस्यताके लिए कताईको आवश्यकता तो ऐसे मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं जो सम्मेलन बुलानेके मुख्य उद्देश्यको ही हानि पहुँचायेंगे। अतः गांधीने सुझाव दिया कि कार्य समिति द्वारा तैयार किया गया कोई प्रस्ताव रखनेका जोखिमभरा कदम उठानेके बजाय हमें सम्मेलनसे ही कहना चाहिए कि वह एक सर्वदलीय समिति नियुक्त करे जो सरकारकी दमनकारी नीतियोंपर विचार करे। कार्य समितिने सर्वसम्मति से यह सुझाव मान लिया।

[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्ब सीक्रेट एब्स्ट्रैक्ट्स, १९२४
  1. यह बैठक बम्बई में हुई थी।