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भाषण: बेलगाँव कांग्रेसकी विषय समितिमें

हैं, मुझे यह कहनेका हक है कि यह कौंसिल वगैरह क्या चीज है। यद्यपि स्वराज्यवादियोंके तरीकोंके सम्बन्धमें मैं उनसे एकमत नहीं हूँ तथापि मैं, उनके तरीकोंपर शक करनेके बावजूद, उनकी सहायता कर सकता हूँ और कांग्रेसमें उनकी नीतिको निश्चित मान्यता दे सकता हूँ।

एक सदस्य: कांग्रेसके नामपर?

हाँ, कांग्रेस के नामपर। मैंने अपने चारों ओर नजर दौड़ाई कि मैं किस प्रकार उनकी सहायता कर सकता हूँ। मुझे यह समझौता ही उसका रास्ता सूझ पड़ा। मैंने देखा कि मैं ऐसा करके उनपर कोई कृपा नहीं कर रहा हूँ। यह उनका अधिकार है। किन्तु यह समझनेमें मुझे कुछ समय लगा कि यह उनका अधिकार है और जब मैंने यह समझ लिया कि यह उनका अधिकार है, तब मुझे उनके कार्यक्रममें रोड़ा अटकाने की बात मनमें भी नहीं लानी चाहिए। इसके विपरीत, मुझे अपने मनमें यह विश्वास उत्पन्न करनेका प्रयत्न करना चाहिए कि वे जो-कुछ कर रहे हैं, वह सही है। मैं आप लोगोंसे भी ऐसा ही करनेके लिए कहूँगा।

इसलिए मैं अब विशेष प्रयत्न करके प्रत्येक स्वराज्यवादीसे सम्पर्क स्थापित कर रहा हूँ। मैंने उनके तर्कों और सुझावोंके लिए अपना दिमाग पूरी तरह खुला रखनेका प्रयत्न किया। मैं स्वराज्यवादियोंकी सहायता इसी तरीकेसे कर सकता हूँ। यदि इसका अर्थ यह लिया जाये कि मैं सभा-मंचोंपर जाकर, सरकारके कानूनोंके खिलाफ भाषण देकर या सभाएँ आदि करके, उनकी सहायता करूँगा तो मैं खेदके साथ कहूँगा कि मैं वैसा नहीं कर सकूँगा, क्योंकि मैं हृदयसे उससे सहमत नहीं हूँ। मैंने इस रूपमें न तो समझौते को समझा है और न उसे इस दृष्टिसे सम्पन्न ही किया है। ये मेरी अपनी मर्यादाएँ हैं। यह बात नहीं कि मैं ऐसा करनेके लिए अनिच्छुक हूँ; किन्तु मैं चाहता हूँ कि मेरा उसपर विश्वास जम जाये। यदि उसपर मेरा विश्वास जम गया तो फिर संसारमें कोई भी शक्ति नहीं जो मुझे तुरन्त अपने आपको पूर्णतया स्वराज्यवादी घोषित करनेसे रोक सके। तब उन्हें यह अधिकार होगा कि वे मुझसे चौबीसों घंटे, नींदके घंटे छोड़कर, शेष सारा समय अपने लिए देनेकी आशा करें। आज मैं आपको पूरे हृदयसे वैसी सहायता नहीं दे सकता, किन्तु अपनी सीमाके भीतर मैं आपको अवश्यमेव प्रोत्साहन तथा हार्दिक सहायता दूँगा। उदाहरणके लिए, जब सरकार आपको और आपकी प्रतिष्ठाको हानि पहुँचाना चाहेगी, तब आप देखेंगे कि मैं आपके साथ हूँ और आपकी सहायता करनेके लिए उत्सुक हूँ। मैं आपके साथ ही कष्ट भोगना चाहता हूँ; और यदि आप मेरी सहायता लेना अस्वीकार करेंगे तो भी मैं आपसे कहूँगा---ईश्वरके लिए आप मुझे सहायता करने दें।" किन्तु जब मुझसे निजी तौरपर यह कहनेका अनुरोध किया जायेगा कि यह नीति अच्छी है, तब मुझे स्पष्ट रूपसे यह स्वीकार करना होगा कि मैं इसका ऐसा अर्थ नहीं लगाता। किन्तु मैं चाहता हूँ कि यदि लोग आपसे निजी तौर पर पूछें तो आप उन्हें कहें कि यद्यपि हमारा विश्वास चरखेमें नहीं है, फिर भी आप लोग चरखा अवश्य चलायें। आप तो कह रहे हैं कि चरखेमें आपका अविश्वास