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प्रस्ताव: सरोजिनी नायडूकी सराहनामें

था उसमें लिखे थे---मैं ही लिखता था, इसलिए मुझे मालूम न हुआ [कि कोई नाम छूट गया है]। मैं बड़े अदबसे मिस्टर भर्गरीका नाम लिखता। मैं मनमें भी उनका बड़ा अदब रखता हूँ। मैंने भूल की--- मैं उनके रिश्तेदारोंसे माफी माँगता हूँ। हकीकत तो यह है कि उनके लिए मेरे हृदयमें बड़ी जगह है। वह एक सिन्धी मुसलमान थे और हिन्दुओंसे प्रेम करते थे। जब मैं सिन्धमें जाता हूँ तो लोग कहते हैं कि मिस्टर भर्गरी हिन्दुस्तानके एक सच्चे सपूत थे। हम लोग उनके लिए अफसोस क्यों न जाहिर करें। मैं प्रार्थना करता हूँ, भाइयों और बहनोंसे कि वे खड़े हो जायें, अदबसे। एक मिनटतक खड़े रहें। कोई बैठा न रहे; सब खड़े हो जायें। अग्रे पुनरपि---अब सब भाई खामोश रहें और एक दूसरेसे बीचमें बात न करें। हमें अपना सारा प्रोग्राम खत्म करना है और हो सके तो पाँच बजेतक काम खत्म करना है। इसमें मैं आप सब प्रतिनिधि भाइयोंकी मदद माँगता हूँ कि आप मदद करें। आज जो प्रस्ताव पहले रखना है, उसमें बहस करनेकी बात ही नहीं है इसलिए कि उसमें कुछ समझाना नहीं है। इसलिए सिर्फ पढ़ देता हूँ और यह भी कहना चाहता हूँ कि आज जितने प्रस्ताव हैं, उनकी नकल आपको बाँटी नहीं गई है। इसके लिए स्वागत-समिति मजबूर हुई है, क्योंकि प्रेस बेलगाँवमें नहीं है कि जितने प्रस्ताव स्वागत समिति भेजे छप जायें। सबजेक्ट्स कमेटी (विषय-समिति) बैठ सकती है दो-तीन दिन, तो इसमें जितने प्रस्ताव वह पास करती वह छपनेको दे सके। लेकिन ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है कि जिसकी नकल आपके पास भेजना इतना जरूरी हो। इसलिए आप क्षमा करें--स्वागत समितिको और मुझको भी। इसलिए जो पढ़ा जाये उसको सुनकर स्वीकार करें।[१]

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके ३९ वें अधिवेशनकी रिपोर्ट।

३८८. प्रस्ताव: सरोजिनी नायडूकी सराहनामें

२७ दिसम्बर, १९२४

इसके बाद बेलगाँव कांग्रेस अधिवेशनके अध्यक्षने निम्नलिखित प्रस्ताव पेश किया:

विदेशोंमें रहनेवाले उन भारतीयोंके हितार्थ श्रीमती सरोजिनी नायडूकी सेवाओंके प्रति कांग्रेस अपनी सराहना प्रकट करती है, जिन्होंने अपनी कार्यशक्ति और लगनसे भारतीयोंका प्रेम तो प्राप्त किया ही, अपने आकर्षक वक्तृत्वसे वहाँकी यूरोपीय जनता को भी अपनी बात सहानुभूतिपूर्वक सुननेके लिए बाध्य किया।

भारत सेवक समाज (सर्वेट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी) के श्री बझे और पण्डित बनारसीदास चतुर्वेदी द्वारा केनियाके प्रवासियोंकी सेवाओंके प्रति भी कांग्रेस अपनी कृतज्ञता व्यक्त करती है।

  1. सभी लोग थोड़ी देरतक मौन खड़े रहे और प्रस्ताव निर्विरोध पास हो गया।