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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

प्रस्ताव-संख्या ११: सवैतनिक राष्ट्रीय सेवा

ऐसा देखा गया है कि बहुत-से योग्य व्यक्ति हैं, जिनकी सेवाएँ राष्ट्रीय कामोंके लिए इसलिए उपलब्ध नहीं हो पातीं क्योंकि वे सेवाके बदले पारिश्रमिक नहीं लेना चाहते। अतः कांग्रेस यह मत व्यक्त करती है कि राष्ट्रीय सेवाके बदले पारिश्रमिक लेनेमें न केवल असम्मानकी कोई बात नहीं है, बल्कि कांग्रेसको आशा है कि देशभक्त युवक और युवतियाँ सच्ची लगनके साथ की गई सेवाके बदले गुजारेका खर्च स्वीकार करनेको गौरवकी बात मानेंगे और यह भी कि जिन्हें नौकरीकी जरूरत है या जो नौकरी करना चाहते हैं वे अन्य किसी कामकी अपेक्षा राष्ट्रीय सेवाको ही चुनना पसन्द करेंगे।

प्रस्ताव संख्या १२: संविधानमें परिवर्तन

अनुच्छेद ११ में "रु० १० को बदलकर रु० १ कर दिया जाये।"

अनुच्छेद १३ में प्रथम वाक्यके बाद निम्नलिखित और जोड़ दिया जाये-

"कोषाध्यक्ष कांग्रेसके कोषकी देख-रेख करेंगे और उसके लिए उत्तरदायी होंगे। वे उसका पूरा लेखा-जोखा भी रखेंगे। महासचिव अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीका कार्यालय चलायेंगे और उनपर स्वागत-समितिके सहयोगसे कांग्रेसके पूर्ववर्ती अधिवेशन और वर्षके दौरान होनेवाले किसी विशेष अधिवेशनकी कार्यवाहीके विवरणके प्रकाशनकी जिम्मेदारी होगी। यह रिपोर्ट जितनी जल्दी सम्भव हो उतनी जल्दी और अधिवेशनके बाद चार महीनेके भीतर-भीतर प्रकाशित की जायेगी और बिकनेके लिए उपलब्ध की जायेगी।"

धारा २३ के अन्तमें जोड़िए: "और अगली कांग्रेस-रिपोर्टके साथ प्रकाशित।

प्रस्ताव संख्या १३: मद्य और अफीमका व्यापार

कांग्रेस इस बातपर सन्तोष प्रकट करती है कि मादक पेय और दवाओंके विरुद्ध १९२१ में आरम्भ किये गये अभियानमें कुछ रुकावटोंके बावजूद कांग्रेस कार्यकर्त्ताओंने देशके अनेक भागोंमें इस आन्दोलनको जोश और दृढ़ताके साथ जारी रखा है। कांग्रेसको आशा है कि शराब या अफीमकी जिन लोगोंको लत है, उन्हें इस बुराईसे मुक्त करनेके कार्यकर्त्ताओंके शान्तिपूर्ण प्रयासोंका आगे और अधिक शक्ति और प्रोत्साहन प्राप्त होगा।

कांग्रेसका मत है कि शराब या मादक वस्तुएँ लेनेकी लोगोंकी लतका राजस्वके साधनके रूपमें प्रयोग करनेकी भारत सरकारकी नीति भारतकी जनताके नैतिक कल्याणके लिए हानिकारक है और इसलिए वह इस नीतिको समाप्त करनेका स्वागत करेगी।

कांग्रेसका यह भी मत है कि भारत सरकार अफीम-व्यापारका नियमन जिस तरह कर रही है वह न केवल भारतके बल्कि सारे संसारके नैतिक कल्याणके लिए हानिकर है और भारतमें जितनी अफीमका उत्पादन होता है वह यहाँकी चिकित्सा