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कैसे करना चाहिए?

सूत कातनेका निःशुल्क श्रम ही देना है। फिर ऐसे लोग भी हैं जो सूत कातनेका पेशा तो नहीं करते पर अपनी खुशीसे सूत कातते हैं। जो लोग आज कात रहे हैं, उन्हें अपने मित्रों और पड़ोसियोंसे कातनेके लिए और कांग्रेसके सदस्य बननेके लिए कहना है। हरएक कार्यकर्त्ता २०-२० कातनेवालोंकी मण्डलियाँ बनाकर यह काम बहुत अच्छी तरह कर सकता है। ये मण्डलियाँ छोटी और सुगठित होनी चाहिए, तभी वह अच्छा काम कर सकेगा। उसको शुरू करनेवाले सदस्यको धुनाई और कताईमें पूरा दक्ष होना चाहिए; क्योंकि रुई इकट्ठा करना, उसे चुनना, उसकी पूनियाँ बनाना और मण्डलीके सदस्योंमें उन्हें बाँटना, इन कामोंका सारा दायित्व प्रारम्भमें उसीपर रहेगा। तीसरे किस्मका काम है, उनके लिए इन्तजाम करना जो अनिच्छाके कारण नहीं कातते। कातने के लिए अनिच्छुक व्यक्तियोंमें जो बहुत-ज्यादा ईमानदार होंगे वे तो अपनी एवजमें कातनेवाले लोग, स्वभावतः अपने परिवारोंमें ढूँढनेकी कोशिश करेंगे। इससे वे यकीनन अच्छा और सचमुच ही हाथसे कता सूत दे सकेंगे। कातनेके लिए अनिच्छुक लोगोंमें से इससे दूसरे दरजेके होंगे, वे खुद किसी पेशेवर कातनेवाले को लगाकर अपनी एवजमें कतवायेंगे और कातनेकी इच्छा न रखनेवालोंमें से आखिरी दर्जेके लोग वे हैं जो बाजारसे सूत खरीदकर देंगे और इस तरह हाथसे कते सूतके बजाय खोटा सूत खरीदनेकी जोखिम उठायेंगे। कांग्रेसके जो सदस्य स्वयं कातना नहीं चाहते, उन्हें मैं आगाह कर देता हूँ कि सामान्य उद्देश्यके हितकी दृष्टिसे वे इस आखिरी तरीकेसे दूर रहें। इस आखिरी दर्जेके लोगोंके लिए सदस्य बनना आसान है और यदि बहुतेरे लोग इससे फायदा उठायेंगे तो इससे दगाबाजी सरेआम चल पड़ेगी और इससे उस कुटीर उद्योगको, जो इतनी मुश्किलोंका सामना करते हुए आगे बढ़ रहा है, नुकसान हो सकता है। मुझे तो आशा है कि ऐसे बहुत ही थोड़े लोग होंगे जो कांग्रेस और देशकी खातिर कातनेसे जी चुरायेंगे। सदस्यताकी इस शर्त में 'अनिच्छुक' शब्दको सिर्फ इसलिए स्थान मिला है कि उनकी मुश्किलें हल हो जायें, जो कांग्रेसके पुराने सदस्य हैं और जो यदि कांग्रेसको छोड़ना चाहें तो भी मैं उन्हें छोड़ने नहीं देना चाहूँगा। लेकिन मैं तो यह उम्मीद रखूँगा कि इस 'अनिच्छा' को प्रोत्साहन नहीं दिया जायेगा। हाथ कते सूतका उत्पादन होनेसे ही तो आलसी और नंगे-भूखे काम नहीं करने लग जायेंगे। लाखों-करोड़ों लोगोंको फिरसे चरखेको अपनानेके लिए उत्साहित करनेके लिए शारीरिक श्रमका और विशेषकर हाथ-कताईके रूपमें शारीरिक श्रमका वातावरण होना चाहिए और ऐसा वातावरण तैयार करनेका उत्तम तरीका यही है कि कांग्रेसके सदस्य स्वयं कातनेमें अपनी इज्जत समझने लगें।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, १-१-१९२५