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टिप्पणियाँ

आधा घंटा कातें। वकीलों और इक्कीस सालसे अधिक आयुके विद्यार्थियोंको कांग्रेसके सदस्य बन जाना चाहिए और जिनकी उम्र कम हो उन्हें अपना सूत भेंटके तौरपर अपनी समितिको या अखिल भारतीय खादी बोर्डको भेजना चाहिए।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, ८-१-१९२५

४२१. टिप्पणियाँ

प्रान्तीय कमेटियोंके लिए

मैं आशा करता हूँ कि प्रान्तीय कांग्रेस कमेटियाँ नई शर्तके अनुसार सदस्य बनानेके कार्यमें तत्काल जुट जायेंगी। मैं जानता हूँ कि कुछ कांग्रेस-जन नये सदस्य बनानेका काम शुरू करनेसे पहले कामके तरीकेके बारेमें कार्य समितिकी हिदायतोंकी राह देख रहे हैं। लेकिन इस तरह राह देखनेकी कोई आवश्यकता नहीं है। नई सदस्यता शर्तके अनुसार कार्य समितिको खुद कार्य संगठित करना नहीं है। सारा भार प्रान्तोंपर ही है और वे जितनी जल्दी काम शुरू करेंगे उतना ही अधिक लाभ उस उद्देश्यको पहुँचेगा, जिसको दृष्टिमें रखकर सदस्यता की यह नई शर्त लागू की गई है। कांग्रेस-जनोंको यह स्मरण रखना चाहिए कि वर्तमान सदस्योंकी सदस्यता की अवधि फरवरीके अन्त में पूरी हो जायेगी। यदि प्रान्तीय कमेटियाँ तबतक सदस्य बनाने का काम मुल्तवी रखें, तो वे पायेंगी कि उस वक्त उनके पास काम चलाने के लिए आवश्यक न्यूनतम संख्या में भी सदस्य नहीं होंगे। इसलिए अभी से सदस्य बनाने के लिए प्रचारका काम तत्परता से शुरू कर देना चाहिए। इसका संगठन करनेके तरीकों के सम्बन्ध में श्री सतीशचन्द्र दास गुप्तने कुछ उपयोगी जानकारी दी है। मुझे उम्मीद थी कि मैं उसको प्रकाशित कर सकूँगा। खादी-कार्यके सम्बन्धमें सतीश बाबू द्वारा लिखित और खादी प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित दो ज्ञानवर्धक पुस्तकें भी मेरे पास आई हैं। प्रथम खण्डमें कताई और बुनाईके कार्यको संगठित करने के तरीके बयान किये गये हैं और दूसरेमें रुईसे सम्बन्धित जितनी उपयोगी जानकारी मिल सकती थी, दी गई है। ये दोनों पुस्तकें समयोपयोगी हैं। इनके लेखकने परिश्रमपूर्वक जनताको जानकारी सुलभ कराई है, उसमें से कुछको मैं सार-रूप में प्रस्तुत करने की उम्मीद रखता हूँ।

जो लोग खरीद सकते हैं, उन्हें इन किताबोंको ही खरीद लेना चाहिए। वे इनके लिए खादी प्रतिष्ठान, १५ कॉलेज स्क्वायर, कलकत्ताको लिखें। पहले खण्डकी कीमत दो रुपया और दूसरेकी एक रुपया है।

कतैयोंसे

कई कतैये, जो अबतक अपना सूत अखिल भारतीय खादी बोर्डके या मेरे पास भेजा करते थे, पूछते हैं कि हमें अब क्या करना चाहिए। दिसम्बर मासका