पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/६५२

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४३०. भाषण : गुजरात प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीकी बैठकमें अहमदाबाद १४ जनवरी, १९२५ आज शाम गुजरात प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीकी एक बैठक कांग्रेसके नये संविधानके अनुसार एक योजना निर्धारित करनेके लिए हुई। श्री गांधीने, जो बैठकमें उपस्थित थे, सुझाव दिया कि उन्हें कांग्रेसके सदस्य बनानेका काम शुरू कर देना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि कौन स्वयं सूत कातेगा और कौन दूसरोंका काता हुआ सूत देगा। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि कांग्रेसके लिए वे कितने सदस्य बनायेंगे । श्री गांधीने स्वयं सूत कातने और काठियावाड़ते १०० सदस्य बनानेका वादा किया। किसीने कहा कि श्री गांधीको भारत-भरसे कांग्रेसके दो लाख सदस्य बनाने चाहिए। श्री गांधीने उत्तर दिया कि अतिरिक्त सदस्य मैं आपको दे दूंगा। कुल मिलाकर ७४ सदस्योंने स्वयं सूत कातनेका वादा किया, तीनने दूसरोंका काता हुआ सूत देनेका वादा किया और सब मिलाकर १,७०० सदस्य बनानेके वादे किये गये। इसके बाद श्री गांधीने सुझाव दिया कि स्वयं सूत कातनेवालों और दूसरोंका काता सूत देनेवालोंके अलावा ऐसे सदस्य भी होंगे जिन्हें यदि रुई दी जाये तो वे रोजाना आधा घंटा सूत कालेंगे। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूँ, रुई इकट्ठी की जाये । श्री वल्लभभाई पटेलने ५०० मन रुई इकट्ठी करनेका वादा किया और श्री अब्बास तैयबजीने २५ मन रुई । [ अंग्रेजीसे ] बॉम्बे क्रॉनिकल, १५-१-१९२५ ४३१. दीक्षान्त भाषण : गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबादमें विद्यार्थीगण, भाइयो और बहनो, १४ जनवरी १९२५ आप विद्यार्थियोंने आज जो उपाधि प्राप्त की है, उसके लिए मैं आप लोगोंको बधाई देता हूँ और आशा करता हूँ कि ली हुई प्रतिज्ञाको आप पूरा करेंगे। ऐसा प्रसंग जब-जब आता है, तब-तब सामान्य संस्थाओंकी रिपोर्टोंमें ऐसा कुछ उल्लेख होता है कि इस वर्ष विद्यार्थियों और शिक्षकोंकी संख्या बढ़ी, और संस्थाकी विविध प्रवृत्तियों- में भी हर तरह से वृद्धि हुई । आज महामात्र [रजिस्ट्रार]ने जब रिपोर्ट पढ़ी तब हमने देखा कि इस विद्यापीठके चार वर्षके कार्य-कालमें संख्या घटती ही गई है। सामान्य रूपसे इससे निराशा होगी। लेकिन मुझे निराशा नहीं हुई। इतना अवश्य स्वीकार करता हूँ कि अगर हम विद्यार्थियोंकी संख्या में वृद्धि बता सकते अथवा दुनिया जिसे Gandhi Heritage Porta