पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/६६२

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६२६ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय बहिष्कार एक वास्तविकता बन जायेगा; उससे पहले नहीं । काश समूचा राष्ट्र इस एक रचनात्मक कार्यका श्रेय ले सकता ! [ अंग्रेजीसे ] यंग इंडिया, १५-१-१९२५ ४३६. काठियावाड़ राजनीतिक परिषद् काठियावाड़ राजनीतिक परिषद्को मैंने यह सलाह यों ही नहीं दे दी थी कि वह ऐसी शिकायतोंको लेकर प्रस्तावपर प्रस्ताव पास करने न बैठे, जिनको दूर कराने के तरीकेपर अमल करना प्रतिनिधियोंके वशके बाहर हो, भले ही उनके पास ऐसे प्रमाण हों, जिनसे जनताको उन शिकायतोंके सही होनेका विश्वास दिलाया जा सकता हो । मैंने उनसे कहा कि परिषद् में पहले सार्वजनिक सेवा और त्यागकी भावनाका विकास करें और फिर शिकायतों को दूर करानेके लिए प्रयत्न प्रारम्भ करें। तब आप उन भिन्न-भिन्न मामलोंसे, जो आपको बहुत खटकते हैं और जिनके बारेमें आपको शिकायत है, निबटने में कहीं अधिक समर्थ हो पायेंगे । शान्तिपूर्ण प्रतिरोधका यही तरीका है । विषय समितिने इस सलाहको बिना किसी हिचकिचाहटके स्वीकार कर लिया । परन्तु परिषद् के संचालकों द्वारा तैयार किये गये कताई सदस्यता सम्बन्धी प्रस्तावपर दिलचस्प बहस हुई। पर वह बहुत भारी बहुमतसे पास हो गया । यह प्रस्ताव कांग्रेसके प्रस्तावसे एक बात में भिन्न है । इस प्रस्ताव द्वारा हर बुनियादी सदस्य के लिए विशेष राजनीतिक आयोजनोंके समय ही नहीं, बल्कि सदा-सर्वदा खादी पहनना लाजिमी बना दिया गया है। यहाँ संगठनके अनुशासन के खयालसे राय देनेकी कोई बात न थी । हर शख्स अपनी मर्जीके मुताबिक राय देनेके लिए आजाद था । अब यह देखना है कि इस प्रस्तावपर अमल किस तरह होता है। हर शख्स इस बातको तस्लीम करता हुआ दिखाई देता था कि इसकी सफलता उन मुख्य कार्यकर्त्ताओंके उत्साह, लगन और कार्य-क्षमतापर निर्भर है जो इस प्रस्तावको पास करानेके जिम्मेवार हैं । सर प्रभाशंकर कातेंगे। इस परिषद् में सबसे अधिक अद्भुत बात तो सर प्रभाशंकर पट्टणीकी यह प्रतिज्ञा थी कि वे खाना खानेके पहले कमसे कम आधा घंटा रोजाना कातेंगे • सिवा उस वक्त के जब वे इतने बीमार हों कि चरखा चला ही न सकें। उन्होंने सफरमें भी इससे छूट न लेनेकी ठानी है। उनका कहना है और वह ठीक ही है कि वे पहले दर्जे में सफर करते हैं और इसलिए सफरमें चरखा साथ ले जानेमें और कातनेमें भी उन्हें कोई दिक्कत पेश नहीं आनी चाहिए। सर प्रभाशंकरके लिए यह एक बड़ा भारी कदम है। मुझे आशा है कि वे अपने निश्चयपर जरूर अमल कर पायेंगे। उनके इस उदाहरणसे काठियावाड़ में कताई आन्दोलनको बड़ा उत्तेजन मिलेगा। यह कहनेकी तो कोई आवश्यकता ही नहीं कि काठियावाड़ सभामें शामिल होनेकी उनसे कोई आशा Gandhi Heritage Porta