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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

छीना जाना कहीं नगरपालिका-मताधिकारके छीने जानेकी भूमिका न हो। इस दरख्वास्तके जवाब में नेटालके प्रधान मन्त्री स्वर्गीय सर जॉन रॉबिन्सनने या महान्यायवादी स्व० श्री एस्कम्बने यह आश्वासन दिया था कि इससे आगे बढ़नेका हमारा कोई इरादा नहीं है और भविष्यमें नगरपालिका-मताधिकार हिन्दुस्तानियोंसे नहीं छीना जायेगा। वह मताधिकारको छीन लेनेवाला विधेयक तो बड़ी सरकार द्वारा नामंजूर कर दिया गया; पर उसकी जगह एक दूसरा विधेयक पास किया गया जो कि जातिगत भेदभावसे रहित था। पूर्वोक्त आश्वासन श्री एस्कम्बद्वारा बार-बार दुहराया गया था। विधेयकोंका सभी काम उनके ही अधीन था और वे वस्तुत: जबतक पदारूढ़ रहे नेटालकी राजनीतिके एकमात्र सूत्रधार बने रहे।

क्या स्वराज्यवादी कांग्रेसी हैं?

मेरे सामने एक अजीब-सा खत पड़ा हुआ है, जिसमें लेखक लिखते हैं कि सिंधमें स्वराज्यवादियों और कांग्रेसियोंको एक दूसरेसे जुदा माना जा रहा है और यह भी कि कांग्रेसी स्वराज्यवादियोंके काममें बाधा डाल रहे है। मैंने तो यह आशा की थी कि बेलगाँव कांग्रेस अधिवेशनके बाद, जिसने कि स्वराज्य दलको कांग्रेसका एक अभिन्न अंग मान लिया है और असहयोग कार्यक्रमको मुल्तवी कर दिया है, ऐसी बातें नामुमकिन हो जायेंगी। हर स्वराज्यवादी जिसने कांग्रेसके ध्येय-पत्रपर दस्तखत किये हैं और जो नये मताधिकारको मानता है उतना ही कांग्रेसी है जितना कि वह व्यक्ति जो स्वराज्यवादी नहीं है और जो विधानसभा-प्रवेशको ठीक नहीं मानता। और यह बात भी याद रखनी चाहिए कि स्वराज्यवादी दलने अपना विधान बदल कर हरएक सदस्यके लिए नये मताधिकारको मानना लाजिमी कर दिया है। ऐसी अवस्थामें हम परस्पर एक दूसरेका विरोध न करें, केवल यह नहीं बल्कि जहाँ-जहाँ मुमकिन हो और जहाँ अन्तरात्माके विरुद्ध न बैठता हो वहाँ-वहाँ एक दूसरेको मदद भी पहुँचायें।

वाइकोमसे

वाइकोमके सत्याग्रह आश्रमसे प्राप्त पत्रका निम्न उद्धत अंश निश्चय ही सबको दिलचस्प लगेगा:

मुझे आशा है कि कताईकी प्रतियोगितावाला हमारा तार आपको मिल गया होगा। दो स्वयंसेवकोंने ८ नम्बरका--एकने ५७८ गज, दूसरेने ५०८ गज सूत--काता था। हमारा बुनाईका काम अभी जैसा चाहिए वैसा नहीं हो रहा है, क्योंकि कुछ लड़के जो बुनाईका काम जानते थे छुट्टीपर चले गये हैं। विनोबाजीकी [१] हिदायतके अनुसार हम लोगोंने अपनी संख्या घटाकर सिर्फ ५० कर ली है। लेकिन इससे बड़ी तकलीफ होती है क्योंकि आबहवा खराब है और इसलिए यहाँ रहनेवाले स्वयंसेवकोंमें से बहुतेरे ६ घंटेतक लगातार सत्याग्रह करनेके लायक नहीं रह जाते। इसलिए हमें दस या पन्द्रह स्क

 
  1. विनोवा भावे।