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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

प्रश्न: क्या हिन्दुओंसे आपके ताल्लुकात अच्छे हैं?

उत्तर: मैं भरोसेके साथ कह सकता हूँ कि हिन्दुओंके साथ मेरे ताल्लुकात बहुत अच्छे हैं।

प्रश्न: क्या आप कभी कोहाटमें रहते हैं?

उत्तर: मैं वहाँ रोज जाता-आता हूँ, क्योंकि वहाँसे मेरे रहनका स्थान सिर्फ ५०० गज दूर है।

प्रश्न: आपके खयालमें हिन्दुओं और मुसलमानोंके बीच फसादका कारण क्या है?

उत्तर: मेरे खयालमें इसके कई कारण हैं जो पहलेसे मौजूद थे। पुस्तिकाका [१] छापना उसका अन्तिम कारण था। इससे फसाद शुरू जरूर हुआ, लेकिन दोनों फिरकोंके दिलोंमें जहर पहले ही पैदा किया जा चका था।

प्रश्न: क्या आप संक्षेपमें इस मुद्देको स्पष्ट करेंगे?

उत्तर: पिछले कुछ बरसोंसे हिन्दू ऐसे लोगोंको जो मुसलमान बन गये थे, अदालतोंमें मुकदमे चलाकर तंग कर रहे थे और इस प्रकार अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे।

प्रश्न: कबसे?

उत्तर: उनका यह रवैया चार या पाँच साल पहले शुरू हुआ था और हाल ही की कुछ घटनाएँ ये हैं: (१) कोहाटमें एक फोटोग्राफरकी औरत, ताल में एक हिन्दू औरत. . .तथा भागोमें एक हिन्दू, मुसलमान बनाये गये थे (२) इसके बाद एक हिन्दू मुसलमान या शेख बना और उसने एक मुसलमान औरतसे शादी की। वह फिर हिन्दू बन गया और उसपर औरतके बारेमें मुकदमा दायर किया गया। (३) मुसलमानोंने एक मुसलमान लड़कीके बारेमें मुकदमा दायर किया; किन्तु वे अपराधीको वाँछित सजा दिलाने में असफल हुए। इसके बाद (एक दूसरेके खिलाफ), मुकदमेबाजी चलती रही (४) मुसलमानोंको सामाजिक और राजनीतिक जीवनमें अपने उचित भागसे ज्यादा प्रतिनिधित्व मिला और हिन्दू नौजवानोंने कुछ हिन्दू संस्थाएँ स्थापित कीं। ये कुछ अन्य कारण हैं।

प्रश्न: क्या यह आखिरी बात भी चार या पाँच साल पुरानी है?

उत्तर: यह चार या पाँच सालके अन्दर ही हुई है।

पश्न: खिलाफत आन्दोलनके पहले या बाद?

उत्तर: यह खिलाफत आन्दोलनके शुरू होनेसे एक साल बाद हुई।

प्रश्न: क्या कोहाट जिलेमें लोग अक्सर मुसलमान बनाये जाते हैं?

उत्तर: हाँ, जिलेमें मुसलमान बननेवालोंकी बहुत बड़ी संख्या है।

 
  1. कोहाटकी सनातन धर्म सभाके मन्त्री जीवनदास द्वारा प्रकाशित। इसमें एक ऐसी कविता थी जिसमें इस्लामके बारेमें आपत्तिजनक बातें थीं।