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कोहाटके दंगोंके बारेमें अहमद गुलसे जिरह

प्रश्न: हिन्दू वापस कोहाट कैसे जा सकते हैं?

उत्तर: जब वे दो शर्ते मंजूर करें। पहली शर्त यह है कि वे आगे इस तरहकी पुस्तिका प्रकाशित नहीं करेंगे और दूसरी यह है कि वे इस तरह गोलियाँ नहीं चलायेंगे। अगर वे ये शर्ते मंजूर कर लें तो वे जब भी चाहें वहाँ आ सकते हैं। उनके लिए वहाँ कोई खतरा नहीं है। अगर वे इस तरहके नुकसानदेह तरीकोंको छोड़ देंगे तो मेरी समझमें वहाँ भविष्यमें फसाद होनेका कोई कारण नजर नहीं आता। अगर वे लोग होशियारीसे काम लें तो मुसलमानोंका रुख ठीक हो जायेगा।

प्रश्न: क्या उन्हें इन दोनों शर्तोको स्वीकार कर लेना चाहिए?

उत्तर: हमने पहले भी कोई शर्त नहीं लगाई और अब भी कोई शर्त नहीं लगाते।

प्रश्न: इसलिए मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि उन्हें क्या करना चाहिए।

उत्तर: मैं कोई शर्त निश्चित नहीं करता। वे बिना किसी शर्तके आ सकते हैं।

प्रश्न: यदि मैं आपकी सलाह लूँ तो आप क्या सलाह देंगे?

उत्तर: मैं उन्हें अपने घरोंको वापस जाने की सलाह दूँगा लेकिन उन्हें यह देखना चाहिए कि यह सरहद है और साथ ही वे पठानोंके स्वभावका भी खयाल रखें।

प्रश्न: क्या कोहाटका वातावरण ऐसा है कि वहाँ हिन्दू इज्जतके साथ नहीं रह सकते?

उत्तर: मैंने वहाँ न तो ऐसे हालात देखे हैं और न इस बारेमें कुछ सुना ही है कि उनका वहाँ इज्जतके साथ रहना मुश्किल है।

(इस जगह सरदार माखनसिंहने कहा कि हिन्दुओंके साथ जो बरताव किया गया वह पहले-जैसा नहीं है।)

प्रश्न: (हिन्दुओंसे) मौलवी साहबके खिलाफ इतनी बातें क्यों कही गई हैं?

उत्तर: व्यक्तिगत रूपसे उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है।

प्रश्न: (यह सरदार गुरदिसिंहने पूछा था) जब सनातन धर्म सभाने २ सितम्बरको माफीकी बात सोची थी तब क्या उसने उनपर आपके सामने ही विचार किया था? क्या आप उस समय वहाँ मौजूद थे?

उत्तर: तब मैं वहाँ नहीं था। मुझे तो खत मिलनेपर ही उसका पता चला। उसमें क्षमाका कोई जिक्र नहीं था।

प्रश्न: (यह मौलाना शौकत अलीने पूछा था) क्या आपको यह मालूम हो पाया था या आपने यह मालूम करनेकी कोशिश की थी कि शहरके या बाहरके मुसलमान ८ तारीखको या उससे पहले लूट करने के लिए बुलाये गये हैं?

उत्तर: नहीं।

प्रश्न: यदि इस तरहकी कोई हलचल हुई होती, या दूसरे लोगोंने ऐसा किया होता तो क्या ऐसा हो सकता है कि यह मामला आपके ध्यानमें न आता?

उत्तर: अगर ऐसी कोई साजिश या हलचल होती तो मुझे किसी-न-किसी तरह उसकी खबर मिल जाती।