१३१. कांग्रेस और ईश्वर
एक मित्र लिखते हैं:
जहाँतक अन्तःकरणके उज्रसे सम्बन्ध है यदि जरूरत हुई तो कांग्रेसके प्रतिज्ञापत्रमें से, जिसे कि तैयार करनेका मुझे अभिमान है, ईश्वरका नाम निकाल दिया जा सकता है। यदि यह उज्र उसी समय पेश किया गया होता तो मैं फौरन स्वीकार कर लेता। हिन्दुस्तान-जैसे देशमें ऐसे उनकी मैंने आशा नहीं की थी। यद्यपि शास्त्रोंमें चार्वाक मत भी मान लिया गया है तथापि मैं यह नहीं जानता कि उसके माननेवाले लोग हैं भी या नहीं। मैं यह नहीं मानता कि बौद्ध और जैन लोग अज्ञेयवादी या नास्तिक हैं। वे लोग तो अज्ञेयवादी हो ही नहीं सकते। जो लोग आत्माको शरीरसे भिन्न मानते हैं और शरीरके नष्ट हो जानेपर भी उसकी स्वतन्त्र हस्ती रहना स्वीकार करते हैं, वे नास्तिक नहीं कहे जा सकते। हम सब ईश्वरकी जुदीजुदी व्याख्यायें करते हैं। हम सब यदि ईश्वरकी व्याख्यायें अपनी मर्जी के मुताबिक करें तो उसकी उतनी ही व्याख्यायें होंगी जितने कि स्त्री या पुरुष होंगे। लेकिन इन जुदी-जुदी व्याख्याओंके मूल में भी एक किस्मका अभ्रान्त सादृश्य होगा, क्योंकि मूल तो सबका एक ही है। ईश्वर तो यह अनिर्वचनीय (ला-कलाम) वस्तु है कि जिसका हम सब अनुभव तो करते हैं लेकिन जिसे हम जानते नहीं हैं। बेशक चार्ल्स ब्रेडलॉने अपनेको नास्तिक कहा है, लेकिन बहुतेरे ईसाइयोंने उन्हें ऐसा नहीं माना है। मुँहसे अपनेको ईसाई कहनेवाले बहुतसे लोगोंके मुकाबले में मैंने ब्रेडलॉसे अपनेको अधिक निकट महसस किया है। भारतवर्षके उस नेक दोस्तकी अन्त्येष्टि क्रियाके समय मौजूद रहनेका मुझे भी सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उस समय मैंने बहुतसे पादरियोंको वहाँ देखा। उनके जनाजेके साथ कुछ मुसलमान और बहुतेरे हिन्दू भी थे। वे सब ईश्वरको माननेवाले थे। ब्रेडलॉने ईश्वरके उस स्वरूपके अस्तित्वसे इनकार किया था जिसे उन्होंने धर्मशास्त्रोंमें पढ़ा था। उस समय जो शास्त्रीय विचार प्रचलित थे उसके तथा आचार और विचारके भयंकर भेदके खिलाफ उनका पाण्डित्यपूर्ण और तीव्र विरोध था। मेरा ईश्वर तो मेरा सत्य और प्रेम है। नीति और सदाचार ईश्वर है। निर्भयता ईश्वर है। ईश्वर जीवन और प्रकाशका मूल है; और फिर भी वह इन सबसे परे है। ईश्वर अन्तरात्मा ही है। वह तो नास्तिकोंकी नास्तिकता भी है। क्योंकि वह अपने अमर्यादित प्रेमसे उन्हें भी जिन्दा रहने देता है। वह हृदयको देखनेवाला
१. उद्धृत नहीं किया गया है। पत्रमें लेखकने कांग्रेसके प्रतिज्ञापत्रसे 'ईश्वर' शब्दको हटानेका सुझाव दिया था।
२. (१८३३-१८९१) अंग्रेज चिन्तक और राजनीतिज्ञ।