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भेंट : 'फ्री प्रेस ऑफ इंडिया' के प्रतिनिधिसे

आपने जनरल स्मट्सके अभी हालके भाषण पढ़े होंगे। क्या दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंके लिए उनसे और उनके दलके लोगोंसे उनके भाषणोंमें वर्णित अधिकारोंकी प्राप्तिके लिए सहयोग करना ठीक होगा?

यदि जनरल स्मट्स वास्तवमें अपने [हालके] भाषणोंमें कही हुई सब बातोंको कार्यरूप देना चाहते हैं तो जो उन्होंने अधिकार गिनाये हैं उन्हें प्राप्त करनेके लिए संयुक्त प्रयत्न करना ठीक होगा। वे इस समय विरोधी पक्षमें हैं। [दक्षिण आफ्रिकाके] भारतीय उक्त अधिकारोंको प्राप्त करने के प्रयासोंमें उनका साथ दे सकते हैं; किन्तु इस सम्बन्धमें सावधानी बरतनेकी आवश्यकता है, क्योंकि यह ध्यान रखना चाहिए कि वे सत्ता मिल जानेपर वचन-भंग कर सकते हैं।

गांधीजीने हमारे प्रतिनिधिसे बादमें बातचीत करते हुए कहा: मैं नहीं कह सकता कि मैं वाइकोममें कबतक ठहरूँगा। मैं मद्रास आनेसे पूर्व सब सम्बन्धित व्यक्तियोंको सूचना दे दूँगा।

[अंग्रेजीसे]
स्वदेशमित्रन्, ७-३-१९२५


१४६. भेंट: 'फ्री प्रेस ऑफ इंडिया' के प्रतिनिधिसे

मद्रास

७ मार्च, १९२५

महात्मा गांधी वाइकोम जाते हुए मद्रास पहुँचे।

फ्री प्रेस ऑफ इंडियाके प्रतिनिधिने लॉर्ड रीडिंगके इंग्लैंड जानेके सम्बन्धमें महात्मासे भेंट की।

प्रश्न किया गया: "क्या आप बर्कनहेड-रीडिंग मन्त्रणाके फलस्वरूप ब्रिटेनको भारतीय नीतिमें किसी परिवर्तनकी आशा करते हैं?"

एक साधारण व्यक्तिके लिए जो चरखमें विश्वास करता है, यह बहुत ही बड़ा प्रश्न है?

मान लीजिए कि सरकार निकट भविष्यमें दमनकी नीति अपनाती है तो आपका देशके लिए क्या सन्देश होगा?

मैं कहूँगा, "खद्दर, खद्दर, खद्दर।" यह एक चीज है जिसपर मैं जोर देता हूँ, इसके अलावा आप अस्पृश्यता-निवारणको भी याद रखें।

क्या आप विश्वास करते हैं कि दमनका उत्तर देने के लिए खद्दर काफी है?

हाँ, ऐसा ही है। वह एक प्रभावशील उत्तर है।

[अंग्रेजीसे]
बॉम्बे क्रॉनिकल, ९-३-१९२५

१. लोर्ड वर्कनहेड (१८७२-१९३०); अंग्रेज राजनीतिज्ञ, भारतमन्त्री १९२४-२८।