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१४८. भाषण: मद्रासमें

७ मार्च, १९२५

श्री अध्यक्ष, निगमके सदस्य तथा भाइयो,

मुझे आशा है कि खड़े होकर भाषण न दे सकनेके लिए आप हमेशाकी तरह मुझे क्षमा करेंगे। मैं इसके लिए आपको हार्दिक धन्यवाद देता हूँ कि आपने मुझे एक सुन्दर अभिनन्दन-पत्र भेंट किया है। अभिनन्दन-पत्र स्वीकार करना मेरे लिए सदैव एक परेशानीकी चीज रही है। मैंने बहुतसे अवसरोंपर अपने आपको भंगी कहा है। मुझे नगरपालिकाके कार्योसे प्यार है। मगर किस्मतमें कुछ और ही लिखा था। एक समय था जब मैं नगरपालिकाका काम अपनानेके विषयमें गम्भीरतासे सोचता था। यह एक ऐसा जीवन है जिसमें घोर परिश्रमकी आवश्यकता होती है। मैं स्वयं वैसा व्यक्ति हूँ। मैं अपनको भंगी इसलिए कहता हूँ कि मैं एकाधिक दृष्टियोंसे सफाईमें विश्वास करता हूँ, अर्थात् बाह्य और अभ्यन्तर स्वच्छतामें।

मैं मद्रासके लिए अजनबी नहीं हूँ। मझे प्रायः कई अवसरोंपर काफी लम्बे अर्से तक मद्रासमें रहनेका समय मिला है जिससे मैं आपके नगरकी सफाईको गौरसे देख-समझ सका हूँ; जब भी प्रातःकाल मैं आपकी गलियोंसे गुजरा हूँ, उन्हें गन्दा देखकर मुझे दुःख हुआ है। मुझे जब कभी श्री नटेसनके साथ रहनेका अवसर मिला, मैंने उनसे मद्रासकी सड़कोंकी दुरव्यवस्थाके बारे में बातें कीं। मैं यह नहीं कहता कि भारतके दूसरे नगरोंकी अपेक्षा मद्रासकी सड़कें खास तौरपर गन्दी है, किन्तु मुझे उनके बारेमें ऐसा इसलिए कहना पड़ता है कि उन दिनों बच्चे ही नहीं, सयाने भी सड़कोंको गन्दा किया करते थे। मेरी समझमें देशके किसी दूसरे नगरमें यह बात इतनी ज्यादा देखने में नहीं आती थी। इस प्रकारके दृश्य, दुःखके साथ कहता हूँ कि मैंने मद्रास आनेसे पहले कहीं नहीं देखे थे और कई बार मुझे ऐसा लगा कि मैं स्वयं झाडू क्यों न उठा लूँ और जिस गली-कूचेसे होकर मुझे जाना होता था उसको पूरी तौरपर क्यों न साफ कर डालूँ। मैं अवकाश मिलनेपर सफाईका काम अब भी किया करता हूँ। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि जब भी मुझे थोड़ा-सा सफाईका काम करनेको मिल जाता है, मुझे अच्छा लगता है। इससे आप नगरपालिकाओं द्वारा दिये जानेवाले अभिनन्दन-पत्रोंको स्वीकार करनेकी मेरी कमजोरीको समझ ले सकते हैं। मैं जब-जब अभिनन्दन-पत्रोंका इस तरह दिया जाना स्वीकार करता हूँ, तब-तब यही खयाल मनमें आता है कि इससे मुझे देशके नागरिकोंके मनमें यह बात बखूबी अंकित करनेका मौका मिलेगा कि सफाईका काम स्वयं करना कितनी अच्छी चीज है। मेरा खयाल है कि बाहरी स्वच्छताके बारेमें हमें पश्चिमसे बहुत-कुछ

१. नगर-निगम द्वारा दिये गये अभिनन्दन-पत्रके उत्तरमें।

२.जी० ए० नटेसन।