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सम्पूर्ण गांधी वाड़्मय

रामका नाम ले और प्रार्थना करे कि हे राम, मेरे सहायक बनो, मुझे प्रतिज्ञा पूरी करनेमें सहायता दो। यदि आप ऐसा करेंगे तो शराब देखकर आपका मन विचलित नहीं होगा, किसी बहनको देखकर मनमें विकार उत्पन्न न होगा। लड़की बेचारी तो गाय है। उसे बेचते हुए स्वयं आपके मनमें अपने प्रति तिरस्कार पैदा होगा।

[गुजरातीसे]
महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ७

४. भाषण: अन्त्यज परिषद्, सोजित्रामें

१६ जनवरी, १९२५

हमें अपने दुर्गुण न तो छिपाने चाहिए और न उनके कारण शरमाना चाहिए। बहनोंको हुक्का पीते देखकर मुझे कष्ट होता है। उनके मुँहसे दुर्गंध आती है। जिन्हें शराबकी लत है उनका भी यही हाल है। शराब पीनेवालोंकी क्या दशा होती है, मुझे इसका अनुभव है। भाँग पीनेवालोंका भी मुझे अनुभव है। शराब और भाँग एक-सी चीजें हैं। मैं तो यही चाहता हूँ कि आप इन सब व्यसनोंका त्याग करें और यदि आप मेरी बात सुनें तो माँस खाना भी बिलकुल छोड़ दें।

अन्त्यजोंका स्पर्श न करनेवाले सज्जन अनेक आपत्तियाँ खड़ी करते हैं; जब मैं उन लोगोंसे बहस करता हूँ, तब वे कहते हैं कि अन्त्यज बहुत गन्दे रहते हैं, शराब पीते हैं और माँस खाते हैं। मैं जवाब देता हूँ कि ब्राह्मणों, वैश्यों और दूसरी जातियोंमें भी ऐसे लोग होते हैं, फिर भी उनके बच्चे शालाओंमें जाते हैं, मन्दिरोंमें जा सकते हैं, यह उलटा न्याय किस लिए? तथापि आपसे तो मैं यही कहूँगा कि आपके खिलाफ जो-जो बातें कही जाती हैं उनसे आप अपनेको बरी रखें, जिससे फिर उन्हें भी कुछ कहनेकी गुंजाइश न रहे। अपना काम करनेके बाद आपको रोज नहाना जरूर चाहिए। भंगीका काम मैंने बहुत किया है। मेरे लड़कोंने भी यह काम बहुत किया है। आपके रावजीभाईने[१] भी किया है। इसमें शर्मकी कोई बात है ही नहीं; यह तो एक पवित्र काम है। जो शख्स गन्दगी हटाता है वह पवित्र काम करता है। आप यदि खाल उतारें या साफ करें तो उसके बाद नहायें। भले आदमी हमेशा दातून करते हैं, दाँत साफ करते हैं, और नहा धोकर शरीर भी साफ रखते हैं। आप इतना सब करें और हाथमें माला लेकर रामनाम जपें। माला न हो तो उँगलियोंपर रामनाम जपें। इस रामनामके लेनेसे आपके व्यसन छूट जायेंगे, आप स्वच्छ हो जायेंगे और सब आपको मान देंगे। सुबह उठकर रामनाम लेनेसे और सोते समय रामनाम लेनेसे दिन अच्छी तरह बीतेगा। और रातको बुरे सपने भी नहीं आयेंगे। स्वच्छ रहनेके लिए यह भी जरूरी है कि किसीकी जूठन या किसीका दिया हुआ बासी भोजन न लिया जाये। मेवा-मिठाई भी यदि जूठी दी जाये तो स्वीकार न करें और खुद हाथसे

 
  1. रावजी भाई पटेल; विगत कुछ वर्षों से वे जिलेके अन्त्यजोंमें काम कर रहे थे।