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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मंशा नहीं थी। अपने मूल वक्तव्यमें हमने कुछ रद्दोबदल किया है लेकिन दोनों अपनेअपने निश्चित मतपर कायम ही रहे। किसीको बुरा न मालूम हो इसलिए हम दोनोंने कुछ जगहोंमें भाषा नरम कर दी है, लेकिन इसके सिवा मूल वक्तव्योंमें कोई बड़ा परिवर्तन नहीं किया गया है।

मो० क० गांधी

श्री गांधीका वक्तव्य

तिरुपुर

१९ मार्च, १९२५

मौलाना शौकत अली और मैं कोहाटके हिन्दू आश्रितों और कुछ मुसलमानोंसे मिलनेके लिए ४ तारीखको रावलपिंडी पहुँचे। इन मुसलमानोंको मौलानाने पत्र लिख कर निमंत्रित किया था और ये लोग रावलपिंडी आनेवाले थे। एक दिन बाद लाला लाजपतराय भी आ पहुँचे। लेकिन दुर्भाग्यसे वे बुखार ले कर ही आये थे और जबतक हम लोग रावलपिंडीमें रहे उन्हें बिस्तरपर ही रहना पड़ा।

जिन मुसलमानोंकी हमने गवाही ली उनमें मौलवी अहमद गुल और पीर साहब कमाल मुख्य थे। हिन्दुओंके पास तो लिखा और छपा हुआ वक्तव्य था। उन्हें उससे अधिक कुछ नहीं कहना था। कोहाटमें जो मुस्लिम कार्यवाहक समिति काम कर रही है वह न तो गवाही देना चाहती थी और न उसने दी। उसने मौलाना साहबको इस मतलबका तार भेजा:

हिन्दू और मुसलमानोंमें पहले ही समझौता हो गया है। हमारी रायमें इस सवालको फिर छेड़ना उचित नहीं है। इसलिए यदि मुसलमान लोग अपने प्रतिनिधि रावलपिंडी न भेजें तो उन्हें आप क्षमा करेंगे।

मौलवी अहमद गुल और जो दूसरे सज्जन उनके साथ रावलपिंडी आये थे वे इस कार्यवाहक समितिके सदस्य थे। लेकिन उन्होंने कहा कि वे खिलाफत समितिके सदस्यकी हैसियतसे आये हैं, कार्यवाहक समितिके सदस्यकी हैसियतसे नहीं।

ऐसी स्थितिमें मौकेपर जाकर पूरा निरीक्षण किये बिना और अन्य दूसरे गवाहोंकी गवाही लिये बिना, छोटी-छोटी तफसीलोंके सम्बन्धमें निष्कर्षपर पहुँचना बड़ा ही मुश्किल था। हम लोग यह नहीं कर सके, न हम कोहाट ही जा सके। हमारा यह इरादा भी नहीं था कि छोटी-छोटी बातोंपर ध्यान देकर गड़े मुर्दे उखाड़ें। हमारा मकसद तो यही था कि यदि मुमकिन हो तो दोनों दलोंमें समझौता करा दें। इसलिए हमने जितना बन सका मुख्य-मुख्य बातोंको ही स्पष्ट करनेकी कोशिश की।

मौलाना साहबके साथ इन सब बातोंके बारेमें मशविरा किये बिना ही मैं यह लिख रहा हूँ इसलिए इसमें सिर्फ मैंने अपना ही निर्णय दिया है। मौलाना ठीक समझें तो इसका समर्थन करें अथवा अपना वक्तव्य अलग प्रकाशित करायें।

९ सितम्बर और उसके बाद जो घटनाएँ हुई उनके कई कारण थे। उनमें एक यह भी था कि हिन्दू पुरुष और विवाहित स्त्रियोंके धर्मान्तर (मेरी रायमें ऐसे