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भाषण: पुदुपालयमके आश्रममें

अस्पृश्यता तथा मद्यपानकी बीमारीके विरुद्ध संघर्ष करने एवं लोगोंमें खद्दर तथा चरखेको लोकप्रिय बनाने के लिए श्रीयुत च० राजगोपालाचारी आपके बीच डटकर काम कर रहे हैं।

उनके पास सहायताके लिए ऐसे नवयुवक है जो योग्य, बुद्धिमान तथा आत्मत्यागी है। श्री गोंडरने अपना सुन्दर बाग उनको दे दिया है। वे सभी अपने लाभप्रद व्यवसायों को छोड़कर, आपके बीच, आपकी सेवा करने आये हैं। इन कुछ ही महीनोंके अन्दर सैकड़ों चरखे पुन: स्थापित किये जा चुके हैं। प्रति सप्ताह सैकड़ों महिलाओंको रुई दी जा रही है। वे उसका सूत कातकर प्रति सप्ताह लाती हैं और सूतका मूल्य ले जाती है। इसी सूतको बुना जाता है; और उससे बुनी खादी आप खरीद सकते हैं। किन्तु जबतक आप उनसे सहयोग नहीं करते तबतक वे और उनके थोड़ेसे कार्यकर्त्ता आपकी ज्यादा सहायता नहीं कर सकते। यह एक गरीब जिला है जिसमें गत तीन चार सालसे दुर्भिक्ष पड़ रहा है और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि दुर्भिक्षके विरुद्ध कोई भी उपाय इतना प्रभावशाली नहीं, जितना चरखा है।

और आप कई प्रकारसे उन्हें सहायता दे सकते हैं। आपमें से जो अच्छे खाते-पीते लोग हैं लेकिन ज्यादा पैसा नहीं दे सकते, वे प्रतिदिन आधा घंटा कताई कर सकते हैं। आप यहाँ आश्रममें कातना और धुनना सीखें और प्रति सप्ताह रुई लाकर उसका सूत कातकर उसे मुफ्त आश्रमको दें। इससे श्रीयुत राजगोपालाचारी खादीको आजकी अपेक्षा सस्ते दामोंपर बेच सकेंगे। आपमें से जो लोग रुई नहीं दे सकते, वे नकद दें। आश्रम सार्वजनिक सम्पत्ति है। आप जब चाहें तब उसे जाकर देख सकते हैं। वह आपके पासमें है। जबतक आप समझते हैं कि आश्रमके कार्यकलाप उपयोगी हैं और आपके जिलेके लिए लाभकारी हैं तबतक हर प्रकारसे उसकी सहायता करना आपका परम कर्तव्य है।

[अंग्रेजीसे]
हिन्दू, २३-३-१९२५

१९३. भाषण: पुदुपालयमके आश्रममें

२१ मार्च, १९२५

मैंने अभिनन्दन-पत्रका अनुवाद बड़े ध्यानसे पढ़ा है। स्वभावतः आप लोगोंसे मेरी पूरी सहानुभूति है। मैं सबसे पहले कोकोनाडामें, इन लोगोंके सम्पर्कमें आया और तबसे उनकी समस्याओं और कठिनाइयोंमें मेरी गहरी दिलचस्पी हो गई है। धर्मके नामपर जो-कुछ हम रोजाना कर रहे हैं, वह एक अत्यन्त भयंकर चीज है। मैं इससे सहमत हूँ कि जबतक ऐसे आदमी हैं जो स्त्रियोंके सतीत्वके साथ खिलवाड़ करते हैं और जबतक ऐसी स्त्रियाँ हैं जो पैसेके लिए अपना सतीत्व बेचनेको तैयार रहती हैं तबतक इस समस्याको सुलझाना बड़ा कठिन है। जबतक ऐसे लोग रहेंगे तबतक यह चलता ही

१. कोयम्बटूर जिला सेनगुन्थर महाजन संगमके सदस्यों द्वारा दिये गये अभिनन्दन-पत्रके उत्तरमें।

२. अभिप्राय देवदासियोंसे है।