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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

कि आप ऐसे प्रयत्न करें कि विभिन्न राष्ट्रीय भण्डारोंमें पड़ा सारा खद्दर खत्म हो जाये और इन तीन महीनोंमें आप ऐसे ढंगसे संगठित हो जायें कि खद्दरके उत्पादनमें लगे हुए कार्यकर्त्ता फिर कभी यह शिकायत न कर पायें कि वे खद्दरके खरीदार न मिलनके कारण अनेक बुनकरों और कतैयोंकी भूख नहीं मिटा सकते। मुझे आशा है कि आप ऐसा ही करेंगे। आप इस महानगरके बारेमें यह कहनेका अवसर न दें कि वह इस कसौटीपर कच्चा उतरा।

आपने धैर्य और शान्तिके साथ मेरा भाषण सुना; इसके लिए मैं आपका आभारी हूँ।

कृपया जबतक मैं मुख्य सड़कपर न पहुँच जाऊँ तबतक आप सभास्थलको न छोड़ें।

[अंग्रेजीसे]
हिन्दू, २३-३-१९२५

२०४. भाषण: विद्यार्थियोंकी सभामें[१]

२२ मार्च, १९२५

मैं इस सुन्दर मानपत्रके लिए आपका आभारी हूँ। मैं अपने भ्रमणमें विभिन्न मतोंके हजारों विद्यार्थियोंसे मिला हूँ। मैंने उनके साथ राजनीतिपर ही नहीं, सभी तरहके मामलोंपर बातचीत की है। मैं आज भी उनके साथ पत्र-व्यवहार करता रहता हूँ, इसलिए मैं विद्यार्थी समाजकी महती आकांक्षाओंसे परिचित हूँ। मैं उनकी कठिनाइयोंका अनुभव करता हूँ और उनकी उमंगें क्या हैं यह जानता हूँ। आपने कहा है कि मुझे विद्यार्थी समाजकी ओरसे निराश नहीं होना चाहिए। मैं हो भी कैसे सकता हूँ? मैं खुद भी विद्यार्थी रह चुका हूँ और जहाँतक मेरा खयाल है मैंने मद्रासमें ही एक सभामें आपको "साथी विद्यार्थी" कहकर सम्बोधित किया था, लेकिन वह एक दूसरे अर्थ में था। यह सही है कि मैं अपनेको विद्यार्थी मानता हूँ और इसलिए मैं आपके साथ अपनी एकात्मता अनुभव कर सकता हूँ। विद्यार्थी सत्यशोधी होता है। मैं यहाँ विद्यार्थी शब्दका प्रयोग उसके संकुचित अर्थमें नहीं कर रहा हूँ। मैं विद्यार्थीका सिर्फ इतना अर्थ नहीं लगा रहा हूँ कि वह कुछ पुस्तकोंका अध्ययन करके, उनमें से कुछको याद करता है और कक्षाओंमें शिक्षकोंके व्याख्यान सुनकर परीक्षाएँ पास करता है। मैं समझता हूँ कि यह तो विद्यार्थियोंके कार्य या कर्त्तव्यका न्यूनतम भाग है। विद्यार्थी तो असलमें वह है जो अपनी अवलोकन-शक्तिका निरन्तर उपयोग करता है, उससे संसारके बारेमें सही निष्कर्ष निकालता है और जीवनमें अपने लिए एक मार्ग बनाता है। उसे जीवनमें अपने कर्त्तव्यकी बात पहले सोचनी चाहिए और अधिकार प्राप्तिकी बात पीछे। अगर आप अपना कर्त्तव्य पूरा करें, तो

१.'गोखले हॉल' में मद्रास अन्तर्छात्रावास वाद-विवाद समितिकी ओरसे दिये गये मानपत्रके उत्तरमें।