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भाषण: महिला क्रिश्चियन कालेज, मद्रासमें

ही नहीं दिया है। आजसे ५० साल पहले भारतमें साक्षर लोगोंका जो अनुपात था उसकी अपेक्षा आज उनका अनुपात वास्तवमें कम है।

वह सन्देश क्या है? मैं कहूँगा कि चरखा; क्योंकि भारतीय जनता बहुत ही गरीब है। हममें से कुछ लोग जानते हैं कि इस देशमें, कमसे-कम जनसाधारणमें, पुरुषोंके साथ-साथ स्त्रियोंको भी निर्वाहके लिए काम करना पड़ता है। शायद यह देश दुनियाके उन चन्द देशोंमें से है जहाँ स्त्रियाँ कठिनसे-कठिन काम भी करती है। मैं भारतके उस हिस्सेका रहनेवाला हूँ जहाँ औरतें फावड़ा और कुदालतक चलाती हैं। वे सड़कोंपर काम करती और पत्थर तोड़ती हैं। आजसे सौ साल पहले वे ये सब काम नहीं करती थीं। जब कभी सामाजिक कार्यकर्त्ता जनसाधारणके बीच काम करने जाते हैं तब औरतें उन्हें घेर लेती हैं और चरखेकी माँग करती हैं ताकि वे उससे कुछ पैसे कमा सकें। आपके लिए इन कुछ पैसोंका कोई अर्थ भले ही न हो, लेकिन उनके लिए तो ये बहुत बड़ी चीज हैं। मैं चाहता हूँ कि आपकी आचार्या आपको किसी दिन आसपासके गाँवोंमें ले जायें, ताकि आप अपनी आँखोंसे देख सकें कि भारतकी स्त्रियाँ क्या-क्या काम करती हैं। तब मुझे आपसे यह बात इतना जोर देकर कहनेकी जरूरत नहीं रह जायेगी। आपको चरखा चलाना शुरू करना होगा। उसमें आपको और जनसाधारणको एक अटूट बन्धनमें बाँधने की शक्ति है। यह आपको आपके कर्त्तव्यकी याद निरन्तर दिलायेगा। अपनी शिक्षा समाप्त कर चुकने के बाद आप सार्वजनिक जीवनसे बिलकुल ही अलग न हो जायें; आप अपनी घर-गृहस्थीमें ही पूरी तरह न डूब जायें, बल्कि इन गरीब और जरूरतमन्दोंकी तरफ अपनी सहायताका हाथ बढाये, जिन्हें जितनी तरहकी सहायता सम्भव हो सकती है, उस सबकी जरूरत है मुझे आशा है कि जिन दुःखी घरोंमें घोर निराशा और कंगालीका राज है उन घरोंमें खुशी लानेके लिए आपके हाथमें चरखा एक अमूल्य साधन सिद्ध होगा। भारतके इतिहासकार हमें बताते हैं कि इस देशमें कुल आबादीका दसवाँ हिस्सा आधे पेट खाकर रहता है। क्या आप इस बातको जानकर तनिक भी सन्तुष्ट बनी रह सकती हैं? क्या मैं ऐसी आशा नहीं कर सकता कि आपके मनमें मेरे इस निवेदनसे उनकी सेवा करनेकी आकांक्षा पैदा हो जायेगी; मैं देखता हूँ कि आपमें से अधिकांश ईसाई हैं। मैं आपको ईसाके एक वचनकी याद दिलाना चाहता हूँ। उन्होंने कहा था: सुईके नकुएमें से ऊँटका निकल जाना आसान है, किन्तु किसी धनवानका स्वर्गके राज्यमें प्रवेश पाना आसान नहीं है। इसे याद रखते हुए, आप जो शिक्षा प्राप्त कर रही हैं उसका उपयोग गरीबोंकी सेवामें करें।

ईश्वर आपका कल्याण करे।

[अंग्रेजीसे]
हिन्दु, २५-३-१९२५