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त्रावणकोरके बारेमें

अब मैं अभी आपकी इस बातकी परीक्षा लेना चाहता हूँ कि मैंने जो-कुछ कहा है उसे आपने समझा है या नहीं, और आपके दिमागमें उसकी सचाई स्पष्ट हुई है या नहीं। मैं अपना भाषण समाप्त करनेवाला हूँ। मैं चाहता हूँ कि आप नारे न लगायें, कोई मेरे पैर छूनेकी कोशिश न करे और मेरे लिए रास्ता छोड दें, ताकि मैं जल्दीसे बाहर जा सकूँ। स्वयंसेवकोंको आपके परेशान करनेवाले प्रेमसे मेरी रक्षा करनेके लिए हाथसे-हाथ मिलाकर दोनों ओर कतारें बनाकर खड़े होने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। लेकिन आपकी परीक्षा लेनेसे पहले मैं अपनी बात पूरी कर देना चाहता हूँ। मुझे इसके बाद मद्रासमें किसी दूसरी सभामें नहीं बोलना है। मैं आपके बीच से उठकर सीधा स्टेशन जा रहा हूँ। मैंने आपके सामने जो कार्यक्रम मोटे रूपमें रखा है, वह देशके सामने १९२० से मौजूद है। मैं तीन महीने पूरे होनेसे पहले ही यहाँ फिर आनेकी उम्मीद करता हूँ और यह भी उम्मीद करता हूँ कि मैं तब आपको सिरसे पैरतक हाथकते सूतका खद्दर पहने देखूँगा। मैं आशा करता हूँ कि आप कताई करनेके लिए रुई और पूनियाँ या चरखे पाने के लिए कांग्रेस-कार्यालयोंमें भीड़ लगा देंगे। ईश्वरसे मेरी प्रार्थना है कि मैं आपसे जो-कुछ करनेके लिए कहता रहा हूँ आप उसे करनेकी जरूरत समझ सकें और उसे करने की शक्ति प्राप्त कर सकें। आपने जिस धीरजसे और शान्तिसे मेरी बातें सुनीं उसके लिए मैं आपका बहुत कृतज्ञ हूँ। और अब परीक्षा शुरू होती है। मैं सभामें बैठे हुए लोगोंसे आशा करता हूँ कि वे मुझे जानेके लिए रास्ता दे देंगे और जबतक मैं मोटरमें बैठ न जाऊँ तबतक अपनी-अपनी जगहोंपर ही बैठे रहेंगे। अगर आप यह एक छोटा-सा काम कर सकेंगे तो मैं अपने मनमें आपके और भारतके उत्थानकी सहज आशा लेकर जा सकूँगा। ईश्वर आपका कल्याण करे। (जोरकी तालियाँ)। [१]

[अंग्रेजीसे]
हिन्दू, २५-३-१९२५

२२०. त्रावणकोरके बारेमें

रमणीक प्रदेश

मेरी त्रावणकोरकी और उसी प्रसंगमें कोचीनकी यात्रा बड़ी ही आनन्दपूर्ण रही। यह एक अत्यन्त सुन्दर प्रदेश है। मेरे त्रावणकोर-वासके थोड़ेसे दिन बराबर यात्रा करने और लोगोंकी भारी-भारी भीड़ोंसे मिलने में बीते। त्रावणकोरका जलमार्ग बहुत सुन्दर है और उसी तरह वहाँकी सड़कें भी सुन्दर है। उसकी ज्यादासे-ज्यादा लम्बाई १७९ मील और चौड़ाई ७५ मील है। उसका क्षेत्रफल ७,६२५ वर्गमील है और इसमें से आधेसे-अधिक भाग पहाड़ियों और जंगलोंसे ढँका है। मैंने त्रावणकोरमें उत्तरसे प्रवेश किया था। वाइकोम इस राज्यकी लगभग उत्तरी सीमापर ही स्थित है।

२. गांधीजी बिना किसी असुविधाके आसानीसे सभा-स्थलसे बाहर पहुँच गये।