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सम्पूर्ण गांधी वाड़्मय

हार छोड़ना आप अपना धर्म मानें और सूत कातने लगें। नरहरिने मुझसे पूछा कि क्या हम लोग सरभोण छोड़ दें। मैंने कहा कि नहीं, यह तो कायरका काम है। यदि ऐसा करोगे तो लोग चिढ़ जायेंगे। तुम उन लोगोंको छोड़कर भाग नहीं सकते, अपने स्थानसे भ्रष्ट नहीं हो सकते। तुम्हें तो वहाँ रहकर ही यह बतलाना चाहिए कि तुम उनका बुरा नहीं करना चाहते; यह बात सेवा करके ही बताई जा सकेगी, भाग कर नहीं। किन्तु काम डटकर बैठनेसे होगा। अगर कोई तुम्हारी सेवा स्वीकार न करे, तो तुम अपने स्थानपर ही रहकर कातो, बुनो और धुनो। मैंने ऐसा ही उससे कहा। इससे उसकी आत्माको शान्ति मिली या नहीं, सो मैं नहीं जानता। उसे आपका बरताव सहन न हो, तो बात अलग है। किन्तु उसका धर्म है कि वह दुबलों और अन्त्यजोंको पढ़ाये। वह आपके साथ झगड़ा नहीं करना चाहता; इस ओरसे मैं आपको निर्भय करता हूँ।

मैं आपसे भी अभय माँगना चाहता हूँ। अगर आपका एक हाथ रूठ जाये तो दूसरेको उसकी छूत न लगने दें। एक पक्षके क्रोधित होनेपर दूसरे पक्षको क्रोधित होने देने में न न्याय है, न बुद्धि, न विवेक और न दूरंदेशी। यह तो 'पच्छिम बुद्धि' कहलाती है। जो सवाल पूछे जा रहे थे उन्हें मैं सुन रहा था। आप लोगोंको--सरभोणके आसपासके भाइयोंके लिए धुनना और कातना मुश्किल नहीं है। फिर भी वे अगर २,००० गज सूत नहीं दे सकते, तो कितनी शर्मकी बात है। जो बारडोली बहादुरोंकी तरह बात करती थी, अब वह इतना करनेसे डरती है। वराडकी राष्ट्रीय शालामें सभी विद्यार्थी सूत कातते हैं। पढ़ाई भी अच्छी तरह चल रही है। सुणावमें भी सभी कातते हैं। वराडके एक शिक्षकने २० दिनोंतक १५ घंटे रोज काम करके ७०,००० गज सूत काता। यह स्थान भी तो बारडोली तहसीलमें ही है।

क्या आप सब लोग हम लोगोंके प्रति शंकित हैं? क्या हम आपको किसी खाईमें ढकेलना चाहते हैं? अगर आपके मनमें ऐसा कोई भय हो, तो उसे निकाल दीजिए। क्या एक भी ऐसा प्रसंग है, जब किसीने आपको धोखा दिया हो? मैं आपसे और क्या कहूँ?

बहनो, आप मुझे नारियल, सूत और पैसा देती हैं, इससे मुझे खुशी नहीं होती। मैं बारडोलीकी बहनोंसे बड़ी आशा रखता हूँ। मैं चाहता हूँ कि आप विदेशी कपड़े को बिलकुल ही काममें न लायें। अगर आप अपने हाथकते सूतकी साड़ी बनवाकर पहनें तो कितना अच्छा हो। मैं आपकी मारफत रामराज्य लाना चाहता हूँ। आप लोग सीता जैसी हो जायें तो कितना अच्छा हो। आपके बच्चोंको धर्म और कर्म दोनों सीखने चाहिए। आपमें से कुछ लोग दक्षिण आफ्रिकासे नाजायज तौरसे पैसे कमाकर भेजते हैं। लेकिन एक जुलाहा ४० रुपये महीना कमा लेता है। अगर आपके बच्चे यह काम सीख लें तो वे सुखी रहेंगे। आप लोग अन्त्यजोंके प्रति स्नेह रखें। यदि कोई स्त्री अन्त्यजका बुरा चाहती है, तो वह अपने सती-धर्मका पालन नहीं करती। यदि आपके यहाँ कोई दुबला चाकर हो, तो उसपर स्नेह-दृष्टि रखें। उसे घी लगाकर रोटी दें। जिस घरमें नौकरके साथ अच्छा बरताव होता है, उस घरमें बरकत होती है। जो छल-कपटसे पैसा कमाता है, उसका क्या हाल होता है?