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भाषण: कालीपरज परिषद्, वेडछीमें

अनुभव यह है कि पुत्रोंको समझाना सरल होता है। माँ-बापोंको समझाना कठिन होता है। इसलिए मेरा विश्वास तो आपपर ही है।

शराब छोड़नेमें किन-किन चीजोंसे सहायता मिल सकती है? इनमें चरखा मुख्य है। मैंने इसमें अपने सर्वस्वकी आहुति दे दी है। यदि हिन्दुस्तानका उद्धार होना है तो वह चरखेसे ही होगा। छोटे-छोटे बालकोंको सूत कातते देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है और मेरा विश्वास चरखेमें और भी दृढ़ हो गया है। मेरा यह विश्वास दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जाता है। आपकी आजीविकाका साधन खती है; किन्तु आप गरीब हैं और आपको खानेके भी लाले पड़े रहते हैं। इस स्थितिमें चरखा आपका अवलम्ब है और उससे आपको शान्ति मिलेगी। आपको जब दारू पीनेकी इच्छा हो तो आप चरखेपर बैठ जायें। आप उसे ज्यों-ज्यों धीरे-धीरे चलायेंगे त्यों-त्यों आपकी दारूकी चाह कम होती जायेगी। आप मेरा कहना मानकर इतना ही करें। यदि वर्षा नहीं होती तो फसल सूख जाती है, किन्तु चरखा तो सतत फलदायी है। यदि आप चरखेकी पर्याप्त सेवा करेंगे तो यह अन्नपूर्णा बन जायेगा।

यहाँ जो प्रस्ताव पास किये जायेंगे मैं उनमें आपसे प्रतिज्ञा कराना चाहता हूँ। यदि आप दारू छोड़ना अभीष्ट मानते हों तो आप यह प्रतिज्ञा करें "हम ईश्वरको साक्षी मानकर प्रतिज्ञा करते हैं कि हम दारू और ताड़ी नहीं पियेंगे। और अपने दूसरे भाइयों और बहनोंसे भी दारू न पीनेका अनुरोध करेंगे।"

अब मैं दूसरी बात लेता हूँ। मैं आपको सब बातें समझानेके बाद ही आपसे हाथ उठवाना चाहता है। यदि आप सब भाई और बहन बुनाईकी बात समझ गये हों तो ऐसी प्रतिज्ञा करें कि हम अबसे हाथकते सतकी और हाथबनी खादी ही पहनेंगे। विदेशी कपड़ा पहनना भयानक है। यदि आपमें से ज्यादातर लोग यहाँसे जानेके बाद विदेशी कपड़े पहनते रहें तो यह उनके लिए डूब मरनेकी बात होगी जिनके देखते आप यह प्रतिज्ञा ले रहे हैं।

भाइयो और बहनो, मैने आपसे ये दो प्रतिज्ञाएँ कराईं। आपने इनमें ईश्वरको साक्षी रखा है। मैं चाहता हूँ कि आपकी ये प्रतिज्ञाएँ पूरी हों। प्रतिज्ञा-पालन करना सरल नहीं है। किन्तु आपको मैं इनके पालन करनेका उपाय बताता हूँ। यह उपाय दुखियोंका सहारा है। इसकी सहायतासे बहुतसे तर गये हैं। मैंने यह उपाय सोजित्रामें अन्त्यजों और धारालाओंको बताया था।[१] आप प्रात: बहुत जल्दी उठे, मुँह-हाथ धोयें, आँखें साफ कर लें और तब रामनाम लें। रामका अर्थ है ईश्वर। राम-राम अर्थात् सब-कुछ। उसीसे यह प्रार्थना करनी चाहिए, "हे राम, तू मुझे पवित्र रख और वेडछीमें मैंने जो प्रतिज्ञा ली है उसके पालनमें सहायक बन" आप थके हों और आपको नींद आ रही हो तो भी आप क्षण भर रामका स्मरण करें और रामसे कहें, "तूने प्रतिज्ञा-के पालनमें मेरी बहुत सहायता की है। इसके लिए मैं तेरा उपकार मानता हूँ। मुझे दारूकी गन्धतक न आये और स्वप्नमें भी उसकी याद न आये। विदेशी कपड़ेकी

 
  1. देखिए "भाषण: बारिया क्षत्रिय परिषद, सोजित्रामें", १६-१-१९२५ और "भाषण: अन्त्यज परिषद्, सोजित्रामें", १६-१-१९२५।