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अभीतक कोई लक्षण नहीं

हालत गम्भीर है, दोके सिर, आठके चेहरे, दसके हाथ, सातको जाँघ, आठकी पिंडली, आठके गुह्य स्थान, पाँचकी पीठपर गहरी चोट लगी है और कोई ५१ लोगोंको साधारण चोटें आई है। कृपया नाभा कैम्प जेलमें तुरन्त आनेका प्रयत्न करें।

यह वर्णन सही हो सकता है और गलत भी। यदि यह सच हो तो इसकी निष्पक्ष और खुली जाँच होनी चाहिए। सरकार इस मामलेमें तटस्थ नहीं रह सकती। क्योंकि राज्यका प्रशासन उसीका एक अफसर कर रहा है। सिख भाइयोंसे मैं इतना ही कह सकता हूँ कि हर अन्यायका इलाज होता है। और यदि ये आरोप सच साबित हुए तो इस अन्यायका निदान भी जल्दी होगा। एक पत्रकार तथा कांग्रेसके अध्यक्षकी हैसियतसे आज मैं इस घटनाको छापने और सिखोंके प्रति अपनी हमदर्दी जाहिर करने के सिवा कुछ नहीं कर सकता। यदि ईश्वरने चाहा तो मैं जल्दी ही उनके लिए कुछ कर सकूँगा। निर्दोष व्यक्तिपर की गई एक-एक चोट हर कांग्रेसी और हर पत्रकारपर की गई चोट है। और ये चोटें क्या हैं? इन चोटोंसे जो घाव हुए हैं उनसे उठनेवाली कराह न केवल संसारके हर कोनेतक पहुँचती है बल्कि अन्तरिक्षको पार करके न्यायकी पुकारको प्रभुके चरणोंतक पहुँचा देती है।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, २३-४-१९२५

'२९७. अभीतक कोई लक्षण नहीं

दक्षिण यात्राके समय मुझे कितने ही अभिनन्दन-पत्र दिये गये थे। एक अभिनन्दन-पत्रमें नीचे लिखा उल्लेखनीय वाक्य था:

यद्यपि आपने बारडोलीका कार्यक्रम स्थगित कर दिया है, तथापि हमें यह आशा लगी हुई है कि आप हमें निकट भविष्यमें समर क्षेत्रमें ले जायेंगे और सब वहाँ स्वराज्य-संग्राममें जूझते हुए अपने मतभेदोंको भूल जायेंगे। उस युद्ध में हमारा हथियार होगा वही शुद्ध और स्वच्छ शान्तिमय सामूहिक सविनय अवज्ञा जिसके बिना उस राष्ट्रसे--जो महा लालची है और हमें स्वराज्य नहीं देना चाहता और जिसका साम्राज्यवाद निर्दयतापूर्ण शोषणके अतिरिक्त और कुछ नहीं--स्वराज्य लेना असम्भव-सा है।

इसमें बारडोली सम्बन्धी निर्णयपर कुछ निराशा प्रकट की गई है। हाँ, बहुतसे लोग उस समय भी ऐसा मानते थे और अब भी मानते हैं कि बारडोलीका निर्णय एक भारी राजनैतिक भूल थी और उससे यह प्रकट हो गया कि मैं राजनैतिक नेता होने के नितान्त अयोग्य हूँ। परन्तु मेरी रायमें बारडोलीका निर्णय, मेरी देशके प्रति एक बड़ी सेवा है। उससे मेरी राजनैतिक निर्णयशक्तिका अभाव नहीं सूचित


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