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भेंट: पत्र प्रतिनिधिसे

इस प्रकार मेरा उद्देश्य है--शुद्ध दूध देना, अच्छे बैलोंसे खेती करवाना, और आपको मुर्दार चमड़े के जूते पहनाना। मैं यह भी कह दूँ कि मैं दुग्धशालाओंके काममें सरकारी अधिकारियोंकी सहायता भी लेना चाहता हूँ, क्योंकि उनके पास इस कार्यमें निष्णात लोग हैं और गायोंको कष्ट दिये बिना उनसे अधिक दूध लेनेक्ने तरीके जानते हैं।

खजांचीकी जगह मुझे एसे आदमीकी जरूरत है जो हर जगहसे रुपया ला सके, उसका हिसाब रखे और रुपया कोषमें न हो तो खुद अपने घरसे भी लाकर दे दे। मैं सर पुरुषोत्तमदाससे बातचीत कर रहा हूँ। पर वे कुबूल करें तब न। इस कार्यमें मन्त्री भी आदर्श होना चाहिए। वह ब्रह्मचारी हो, देशी भाषाएँ जानता हो, और अंग्रेजीका ज्ञाता हो। सब जगह जा कर सबसे मिल सके और बात कर सके, वह ऐसा होना चाहिए। पवित्र कामके लिए पवित्र ब्रह्मचारीकी बहुत आवश्यकता है, हालाँकि आज ऐसा शुद्ध ब्रह्मचारी मिलना कठिन है। ब्रह्मचारी तो हमारे पास हैं। पर वे क्रोधी हैं, पाँचों इन्द्रियोंपर अधिकार रखनेवाले नहीं हैं। हमें तो चाहिए पाँचों इन्द्रियोंपर कब्जा रखनेवाला ब्रह्मचारी। उसके अभावमें किसी भी शुद्ध सदाचारी हिन्दुसे काम चल सकता है। मुझे तो मदद देनेवाले मुसलमान भी हैं। परन्तु मैं उनके नाम नहीं देता; क्योंकि यह काम ही विशेषतः हिन्दुओंका है। इसलिए मैं उन्हींकी सेवा विशेष रूपसे चाहता हूँ।

अन्तमें मैं यह कहता हूँ कि यह संस्था प्रेमसे भरी हुई है और आशा करता हूँ कि इसमें किसी के प्रति विरोध तो दूर, विरोधका आभास भी नहीं होगा। मैं अन्तमें ईश्वरसे यह प्रार्थना करता हूँ कि वह हमें यह सेवा करनेका बल दे।

[गुजरातीसे]
नवजीवन, ३-५-१९२५

३१५. भेंट: पत्र प्रतिनिधिसे

बम्बई
[२९ अप्रैल, १९२५][१]

बंगालके लिए रवाना होने से पहले महात्मा गांधीसे एक पत्र-प्रतिनिधिने भेंट की और पूछा, 'मद्रास मेल' में प्रकाशित इस समाचारके बारेमें आपका क्या कहना है कि आप और श्री दास बंगाल प्रान्तीय सम्मेलनके अवसरपर असहयोगको त्याग देनकी घोषणा करेंगे और सरकारके साथ सहयोग करनेको अपनी शर्ते बतायेंगे। महात्मा गांधीने इसपर कहा: "मैं इस बारेमें कुछ भी नहीं जानता।"

महात्मा गांधीने कहा कि मेरा श्री दाससे इस विषयपर कोई पत्र-व्यवहार नहीं हुआ। मैं तो बहुत पहले दिया गया अपना वचन पूरा करने के लिए ही बंगाल जा रहा हूँ।

[अंग्रेजीसे]
हिन्दू, ३०-४-१९२५
 
  1. गांधीजी बम्बईसे बंगालके लिए इसी दिन रवाना हुए थे।