पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 26.pdf/६०६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

परिशिष्ट

परिशिष्ट १
वाइकोम सत्याग्रहपर त्रावणकोरके दीवानके भाषणका अंश

तीसरी बातका सम्बन्ध श्री एन० कुमार द्वारा पेश किये गये उस प्रस्तावसे है, जिसमें यह सिफारिश की गई है कि सरकार वाइकोम मन्दिरके आसपास और उसके अहातेके अन्दरकी तमाम सड़कें सभी वर्गोंके लिए खोल दे। मैं इस प्रस्तावपर कुछ विस्तारसे कहना चाहता हूँ और सरकारकी स्थिति स्पष्ट करना चाहता हूँ। वाइकोम सत्याग्रहका कारण वह प्रथा है जिसके अनुसार कुछ जातियोंके लिए कुछ सड़कोंका उपयोग निषिद्ध है और इस प्रथाकी त्रावणकोरके अन्दर और बाहर भी काफी आलोचना की गई है। कुछ ऐसे हिन्दू समुदाय हैं, जो केरलमें चारों वर्णोके अन्तर्गत नहीं आते और दुर्भाग्यवश जिनके संसर्ग और स्पर्शको बहुत पुराने जमानेसे सवर्ण हिन्दू-जातियोंके सदस्यों और इन मन्दिरोंके देवताओंको अपवित्र करनेवाला माना जाता है जिनमें ये सवर्ण हिन्दू लोग प्रवेश कर सकते हैं। नतीजा यह है कि अवर्ण हिन्दू समुदायोंको कुछ हिन्दू मन्दिरोंके आसपास कुछ दूरतक की सड़कोंका इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता, यद्यपि ये सड़कें इस अर्थमें सार्वजनिक है कि जनताके कुछ वर्गोंके लोगोंके लिए ये खुली हुई हैं। इस प्रथाका अस्तित्व अवर्ण हिन्दू लोग भी स्वीकार करते हैं। जहाँतक त्रावणकोरका सम्बन्ध है, अवर्ण हिन्दू समुदायोंमें सबसे प्रमुख एजवाहा लोग हैं। ये पूरी आबादीके षष्टांश हैं और हालमें इन्होंने शिक्षा तथा आर्थिक दृष्टिसे बहुत तेजीसे प्रगति की है। इस समुदायके लोगोंको स्वभावत: ऐसा लगता है कि यह निषेध उनके आत्म-सम्मानकी अवमानना है और यह एक ऐसी भावना है जिससे सभी विचारवान लोगोंकी सहानुभूति होगी। सच तो यह है कि एजवाहों और अन्य अवर्णोके पक्षको उन समुदायोंके सदस्योंकी भी कुछ सहानुभूति प्राप्त हो गई है, जो इन लोगोंसे अच्छी स्थितिमें हैं।

इसी निर्योग्यताको दूर करानेके लिए एजवाहों और उनके हमदर्द लोगोंके एक दलने लगभग एक वर्ष पूर्व वाइकोममें सत्याग्रह आन्दोलन शुरू किया। इस आन्दोलनमें अपनाया गया तरीका निषिद्ध क्षेत्रमें प्रवेश करके उपर्युक्त प्राचीन प्रथाको तोड़नेका था। यद्यपि ऐसा करनेका मतलब था सवर्ण हिन्दुओंकी धार्मिक भावनाओंको ठेस पहुँचाना, और स्थानीय मजिस्ट्रेट द्वारा निषिद्ध क्षेत्रमें प्रवेश न करनेके उन आदेशोंकी अवहेलना करना, जो अवर्ण हिन्दुओंकी कार्रवाईसे सार्वजनिक शांतिके लिए उत्पन्न खतरेसे बचनेके लिए जारी किये गये थे। सत्याग्रहियोंका उद्देश्य सरकारको इस बातके लिए मजबूर करना है कि वह प्रशासनिक आदेश जारी करके