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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

४ मार्च: भारत-मन्त्रीके साथ परामर्श करनेके लिए वाइसराय लॉर्ड रीडिंगकी लन्दन यात्राकी घोषणा।

५ मार्च: वाइकोम जाते हुए बम्बई रुके।

पत्र प्रतिनिधियोंके साथ हुई भेंटमें हिन्दू-मुस्लिम एकताको अपरिहार्य माना।

७ मार्च: मद्रास पहुँचे।

'स्वदेशमित्रन्', 'फ्री प्रेस ऑफ इंडिया' तथा 'स्वराज्य' के प्रतिनिधियोंसे भेंट की। मद्रास नगरनिगमने अभिनन्दन-पत्र भेंट किया।

तिलकघाटपर आयोजित सार्वजनिक सभामें अपनी बाइकोम-यात्राका उद्देश्य बताया। वाइकोमके लिए रवाना हुए।

८ मार्च: एर्नाकुलम् पहुँचे।

एर्नाकुलम् नगरनिगमने अभिनन्दन-पत्र भेंट किया।

कोचीन पहुँचे।

कोचीन समुद्र तटपर आयोजित आम सभामें भाषण दिया।

१० मार्च: वाइकोममें सत्याग्रहियोंके साथ सुबहकी प्रार्थनामें भाग लिया।

त्रिवेन्द्रमके पुलिस कमिश्नर, तमिल गुरुकुलके वी० वी० एस० अय्यर, तथा सवर्ण हिन्दू नेताओंके साथ बातचीत की।

वाइकोम सत्याग्रहके सम्बन्धमें सार्वजनिक सभामें भाषण।

अंबलपुजाके एज्वाहोंने मानपत्र भेंट किया।

११ मार्च: वाइकोमके सत्याग्रह आश्रमके निवासियोंके समक्ष सत्याग्रहियोंके कर्त्तव्यपर भाषण दिया। वाइकोमसे रवाना हुए।

अलप्पी पहुँचे।

१२ मार्च: क्विलोन पहुँचे।

क्विलोन नगरनिगम द्वारा दिये गये अभिनन्दन-पत्रके उत्तर में वाइकोम सत्याग्रहपर भाषण दिया।

रोमाँ रोला द्वारा की गई स्वदेशीकी आलोचनाका 'यंग इंडिया' में उत्तर दिया।

१३ मार्च: वर्कलाके शिवगिरि हॉलमें एजवाहों तथा अन्य अन्त्यजोंने अभिनन्दन-पत्र भेंट किये।

त्रिवेन्द्रम पहुँचे।

त्रिवेन्द्रमके महाराजा कालेजमें विद्यार्थियों द्वारा भेंट किये गये मानपत्रके उत्तरमें भाषण दिया।

राजपरिवारके सदस्यों तथा त्रावणकोरके दीवानसे मिले।

त्रिवेन्द्रमके छावनी मैदानकी विशाल सभामें कई संस्थाओंने अभिनन्दन-पत्र भेंट किये।

१४ मार्च: विक्टोरिया जुबली टाउन हॉलमें त्रिवेन्द्रम नगरपालिकाने मानपत्र दिया। गांधीजीने नगरपालिकाको सुत कातने के पक्षमें प्रस्ताव पास करनेके लिए बधाई दी।