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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

त्रिवेन्द्रमके लॉ कालेजमें भाषण।

कन्याकुमारी और नागरकोइल गये।

१५ मार्च: त्रिवेन्द्रमसे वाइकोमके लिए रवाना हए।

कोट्टयम पहुँचे। कोट्टयम नगरपालिका और हिन्दी छात्रोंने अभिनन्दन-पत्र दिये।

१६ मार्च: वाइकोम पहुँचे।

१७ मार्च: सवर्ण हिन्दुओंके एक प्रवक्ता इंडनतुरित्ति नम्बूद्रीने 'शंकर स्मृति' की एक प्रति गांधीजीको दी। गांधीजीने केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटीके सदस्योंके साथ सत्याग्रहके भविष्यके बारेमें विचार विमर्श किया।

सत्याग्रह आश्रमके पुलयाओंके समक्ष भाषण।

वाइकोमसे रवाना हुए।

१८ मार्च: परूर पहुँचे।

परूरके नागरिकों, एजवाहों तथा नगरपालिकाने अभिनन्दन-पत्र भेंट किये।

अलवाईके यूनियन कालेज तथा अद्वैताश्रममें भाषण।

दो बजे मध्याह्नमें त्रिचूर पहुँचे।

त्रिचूर नगरपालिका, नम्बूद्री योगक्षेम-सभा तथा छात्रोंने मानपत्र भेंट किये।

भूतपूर्व महाराजासे भेंट की।

त्रिवेन्द्रमके पुलिस कमिश्नरको नाकेबन्दी हटाने और निषेधात्मक आदेश वापस लेनेके बारे में पत्र लिखा।

१९ मार्च: पोदनूर पहुँचे।

रेलवे मजदूरोंने मानपत्र भेंट किया।

तिरुपुर नगरपालिकाने मानपत्र भेंट किया।

२१ मार्च: पुदुपालयम पहुँचे।

ग्रामीणोंकी सभामें भाषण। कोयम्बटूर जिला सेन्गुन्थर महाजन संगम द्वारा दिये गये मानपत्रके उत्तरमें भाषण दिया। तिरुच्चंगोडमें तिरुच्चंगोड संघ, स्थानीय कांग्रेस कमेटी तथा वलीबा स्वराज्य संगमने अभिनन्दनपत्र भेंट किये।

२२ मार्च: मद्रास पहुँचे।

सोशल सर्विस लीगने मानपत्र भेंट किया।

ट्रिप्लिकेनमें कताई प्रदर्शन देखा और महिलाओंकी सभामें भाषण दिया। 'हिन्दू' के कार्यालयमें कस्तूरी रंगा आयंगारके चित्रका अनावरण किया। मद्रासमें विविध संस्थाओं द्वारा दिये गये मानपत्रोंके उत्तरमें सार्वजनिक सभामें भाषण।

छात्रों तथा मजदूरोंकी सभामें भाषण।

२३ मार्च: त्रिवेन्द्रमके पुलिस कमिश्नरने गांधीजीको तार द्वारा सूचित किया कि ७ अप्रैलसे निषेधात्मक आदेश वापस ले लिया जायेगा।

२४ मार्च: गांधीजीने पुलिस कमिश्नरको आदेश वापस लेने के विषयमें धन्यवादका तार भेजा तथा अपना और पुलिस कमिश्नरका पत्रव्यवहार प्रेसको प्रकाशनार्थ दिया।