पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 26.pdf/६५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३५
भाषण: सर्वदलीय सम्मेलन समितिकी बैठकमें

प्रशासन

मंडलके सदस्य जिसे बहुमतसे चुनेंगे, वही इस मंडलका अध्यक्ष होगा। अध्यक्षका चुनाव प्रति वर्ष होगा। इस मंडलके मन्त्री और खजानचीका चुनाव अध्यक्ष करेगा।

सदस्योंकी साधारण बैठकमें कमसे-कम पाँच सदस्योंकी एक कार्यकारिणी समिति प्रतिवर्ष चुनी जायेगी। इस साधारण सभाको प्रतिवर्ष कमसे-कम एक बार बुलाना अध्यक्षका काम होगा।

खजानची मंडलके पैसेके हिसाब-किताबके लिए जिम्मेदार रहेगा। एक हजार रुपयसे ऊपर सारी रकम खजानची द्वारा स्वीकृत बैंकमें रखी जायेगी।

[गुजरातीसे]
नवजीवन, २२-३-१९२५

१६. भाषण: सर्वदलीय सम्मेलन समितिकी बैठकमें

दिल्ली
२४ जनवरी, १९२५

सर्वदलीय सम्मेलनकी बैठक शामको प्रारम्भ हुई। श्री जिन्ना, लाला लाजपतराय तथा एनी बेसेंट जैसे प्रतिनिधि प्रवक्ताओंके महत्त्वपूर्ण भाषण समाप्त होनेपर सब दलोंका प्रतिनिधित्व करनेवाली उप-समितिकी१ नियुक्ति की गई जिसमें लगभग ५० सदस्य हैं...।

गांधीजीने बैठककी अध्यक्षता की। उनका खयाल था कि यदि हम इस बैठकमें हिन्दू-मुस्लिम समस्या, ब्राह्मण-अब्राह्मण समस्या और अन्य प्रश्नोंका कोई सन्तोषप्रद, वास्तविक तथा सम्मानजनक हल निकाल सकें तो हम स्वराज्यकी दिशामें बहुत प्रगति कर लेंगे। यदि बैठकमें कोई ऐसी योजना ढूँढ़ निकाली गई जो कि सभी दलोंके लिए स्वीकार्य हो तो वह स्वराज्यकी दिशामें बहुत बड़ा कदम होगा। यदि बैठकमें उपस्थित प्रतिनिधि [इन] मुख्य प्रश्नोंपर एकमत हो सकेंगे तो कांग्रेसके मंचपर दलोंको एक होने में तथा राष्ट्र के नामपर एक सर्वसम्मत माँग करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। श्री जिन्नाने कहा कि मैं जल्दी निर्णय करनेपर जोर देता हूँ। मेरा अनुमान

१. उप-समितिका कार्य था "(क) वे शर्तें सुझाना जिनके आधारपर सभी दल कांग्रेसमें शामिल हो सकें (ख)ऐसी योजना तैयार करना जिससे स्वराज्यके अन्तर्गत बनाई जानेवाली विधान-सभाओं तथा अन्य निर्वाचित संस्थाओंमें सभी जातियों, प्रजातियों तथा उप-जातियोंको प्रतिनिधित्व मिल सके तथा ऐसे अच्छेसे-अच्छे तरीके सुझाना, जिससे योग्यताका उचित ध्यान रखते हुए सभी जातियोंको सेवाओं में न्याययुक्त और उचित हिस्सा दिया जा सके

(ग) स्वराज्यकी ऐसी योजना तैयार करना जिससे देशकी वर्तमान आवश्यकताएँ पूरी हो सकें।" समितिको हिदायतें दी गई थीं कि वह अपनी रिपोर्ट १५ फरवरीको या उससे पहले दे दे। (बॉम्बे क्रॉनिकल, २६-१-१९२५)