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बचता है। साल-भरमें मुझे अपने कपड़ोंपर १० रुपये खर्च करने पड़ते थे--सो बच जाते हैं।

मद्यपान

कालीपरज अर्थात् काले लोग। किन्तु ऐसा नहीं है कि अन्य लोगोंसे अधिक काले होनेके कारण वे कालीपरज कहलाते हों। उनके कालीपरज कहलानेका कारण यह है कि ऊँचे कहलानेवाले लोग यह कहकर उनकी अवगणना करते हैं। इस समय उनकी स्थिति बहुत ही दयनीय है। भीरुता, अन्धविश्वास और मद्यपानका व्यसन उन्हें खोखला किये दे रहा है। बावजूद इस बातके कि वे लोग जंगलोंमें रहते हैं, वे हरएकसे और हरएक चीजसे डरते हैं। उनका सबसे बड़ा दोष मद्यपान है। ताड़ी और शराबसे यह जाति मिट्टी में मिली जा रही है। सन् १९२१की जागृतिके समय वे भी आन्दोलनमें आये और इसलिए उनमें भी कुछ सुधार हुए। किन्तु अभी बहुत-कुछ होना बाकी है। शराब उनके बीचमें इस तरह घर करके बैठ गई है कि वे शराब पीनेको गुण मानने लगे हैं। जब मद्य-निषेध आन्दोलन प्रारम्भ हुआ, उनके एक दलने इस आन्दोलनको समाप्त करनेका इरादा किया और जो शराब पीनेको बुराई करते थे, उन्हें तंग करना प्रारम्भ कर दिया। कहा जाता है कि शराब बेचनेवाले पारसी दूकानदारोंका इसमें हाथ था। उन्हें भय था कि यदि कालीपरज शराब छोड़ देंगे, तो उनका धन्धा लगभग बैठ जायेगा और शराबका ठेका लेनेवालोंको नुकसान होगा। इस दृष्टिसे विचार करें, तो ठेकेदारोंको दोष देना व्यर्थ है। फिर भी मैं मानता हूँ कि उनसे भी दो शब्द कहनेका मुझे अधिकार है। पारसी जातिपर मैं मुग्ध हूँ। बहुत-से पारसियोंसे मेरा घनिष्ठ परिचय है। इस जातिके प्रति मेरे मनमें बड़ा आदर है। इसलिए शराबके पारसी ठेकेदार मेरी इस बातका उलटा अर्थ नहीं निकालेंगे। संसारमें ऐसे बहुत-से लोग हुए हैं जिन्होंने दूसरोंको नुकसान पहुँचानेवाले धन्धे छोड़ दिये। ये लोग भी साहसी हैं और होशियार हैं। यदि ये शराबका व्यापार छोड़ दें, तो इन्हें दूसरा व्यापार मिल ही नहीं सकता, ऐसी बात नहीं है। इतना वे करते हैं या नहीं करते, किन्तु मैं यह आशा अवश्य करता हूँ कि वे अपने धन्धेको चालू रखनेकी दृष्टिसे दारू-प्रचारक-मण्डलका साथ नहीं देंगे।

प्रतिज्ञा

अच्छी तरह सोच-विचार करनेके बाद इस परिषद्ने दो प्रतिज्ञाएँ ली। एक शराब छोड़नेकी तथा दूसरी खादी पहनने और सूत कातनेकी। प्रतिज्ञाएँ ईश्वरको साक्षी रखकर की गई हैं। फिर भी प्रतिज्ञाएँ सफल तभी होंगी जब स्वयंसेवक निरन्तर काम करते ही रहेंगे।

रामनाम

इस सबके बाद भी जब मनुष्यके प्रयत्नसे कोई बात नहीं बनती, तब ईश्वरकी कृपा काम आती है। इसीलिए मैंने धारालाओं, अन्त्यजों और कालीपरजोंको रामनामका जप करनेकी सलाह दी है। सुबह सूर्योदयसे पहले उठकर मुँह-हाथ धोकर ईश्वरसे