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भेंट: समाचारपत्रोंके प्रतिनिधियोंसे

मेरा दो तीन दिन ओर दिल्लीमें ठहरना होगा। जो कुछ हो रहा है इससे व्यवहारदृष्टिसे मुझे संतोष नहि है। पारमार्थिक दृष्टिसे तो मेरे कर्तव्य-पालनमें हि मेरा संतोष है।

आपका,
मोहनदास गांधी

[पुनश्च:]

डा० अनसारीकी बेगम बीमार होनेके कारण मैं सुलता[न] सिंगजीके यहां रहता हुं।

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल पत्र (सी० डब्ल्यू० ६१०२) से।

सौजन्य: घनश्यामदास बिड़ला

२२. भेंट: समाचारपत्रोंके प्रतिनिधियोंसे

दिल्ली
२७ जनवरी, १९२५ [१]

निकट भविष्यमें विधानसभामें बंगाल अध्यादेशपर [२] होनेवाली बहसको ध्यानमें रखते हुए हमारे प्रतिनिधिने महात्मा गांधीसे पूछा--बंगाल परिषद्में लॉर्ड लिटनके भाषण [३] तथा विधानसभामें वाइसरायके भाषणको [४] देखते हुए क्या आपके विचारमें

 
  1. बॉम्बे क्रॉनिकल तथा सर्च लाइटमें प्रकाशित रिपोर्टोंकी तिथिके अनुसार।
  2. यह सरकारको किसी भी व्यक्तिको गिरफ्तार करके मुकदमा चलाये बिना जेलमें रखनेका अधिकार देनेके लिए जारी किया गया था।
  3. बंगाल विधान परिषद् ७ जनवरीको बंगाल अध्यादेशपर भाषण देते हुए बंगालके गवर्नर लॉर्ड लिटनने कहा था: "इस प्रकारके विधेयकको उचित ठहरानेका यही एक कारण है कि सारे राज्यका हित खतरेमें पड़ गया है और वह खतरा किसी अन्य प्रकारसे दूर नहीं किया जा सकता।..."जब आपकी स्वराज्य सरकार आयेगी तब जो लोग स्वराज्य सरकारको नापसन्द करनेके कारण उसके संस्थापकोंकी हत्याकी धमकी देंगे, यदि आप उन लोगों के अधिकारको स्वीकार करेंगे तो आपकी सरकार कदापि सफल नहीं हो सकेगी...यदि आप इन लोगोंको इस बातके लिए तैयार कर सकें कि वे अपने हथियार हुगलीमें डाल दें और राजनीतिक प्रणालीके रूपमें आतंकवादको सदैवके लिए छोड़ दें तो हम आपको वचन देते हैं कि हम उनको दूसरे ज्यादा अच्छे ढंगसे देशकी सेवा करनेके प्रयत्नमें हार्दिक सहयोग देंगे।" देखिए इंडियन क्वार्टरली रजिस्टर, १९२५, खण्ड १, जनवरी-जून।
  4. लॉर्ड रीडिंगने विधान सभामें २० जनवरीको बंगाल अध्यादेश संशोधन विधेयकपर बोलते हुए कहा था, "बंगालमें आतंकवादी आन्दोलनको रोकने तथा व्यापक रूपसे फैली गुप्त संस्थाओंके खतरेको दूर करनेके लिए अध्यादेश जारी करना उचित है। इस आन्दोलनके व्यापक होनेका अर्थ अधिकारियों तथा निर्दोष नागरिकोंका अधिकाधिक मारा जाना है। विनियम-३ के अन्तर्गंत लागू करनेपर भी सामान्य कानून इन अपराधोंको रोकने में प्रभावहीन सिद्ध हुआ है।" देखिए इंडियन क्वार्टरली रजिस्टर, १९२५ खण्ड १; जनवरी-जून।