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एक अनर्थ

लिए तो हरएक विदेशगमन करनेवालेको अपने बाल-बच्चोंको साथ ले जाना चाहिए। जहाँ बाप बिलकुल ही हृदयहीन हों, वहाँ अनाथालय खोले बिना दूसरी गति नहीं। इन अनाथालयोंको उन देशोंमें खोलना ही उचित होगा। यह मान सकते हैं कि अनाथालयोंमें माँ अपने बच्चों समेत रहेगी। माता अपनी आजीविकाके लिए पुरुषका शिकार बनती है। वह विषय-भोगकी दृष्टिसे सम्बन्ध नहीं बनाती। हब्शियोंमें शादीका रिवाज तो है। फिर भी औरतें पैसेके लिए अपना शरीर पुरुषोंको बेचती हैं और इसमें नीतिभंग नहीं माना जाता। फिर भी मातृप्रेम तो रहता ही है। इस प्रेमका पोषण करके माताओंसे उनके धर्मका पालन कराना उचित है। ऐसी दु:खद घटनाओंमें बालकोंकी मातृभाषा और पितृ-भाषा जुदी-जुदी होती है। फिर बालकोंको कौनसी भाषा पढ़ाई जाये? साधारण तौरपर बापको इस तरह उत्पन्न हुई सन्ततिके साथ प्रेम कम ही होता है। इसलिए बालक माताकी ही भाषा सीखता है। इसलिए अनाथालयोंके संचालकोंको चाहिए कि वे ऐसे बालकोंको उनकी मातृभाषा ही सिखावें। अगर दोनों भाषाएँ सिखाई जायें तो बालकोंको भविष्यमें रोजी कमानेका एक अतिरिक्त साधन मिल जायेगा।

धर्मका सवाल बहुत गूढ़ है। मुसलमान बापके विषयमें तो हम देख ही चुके हैं कि कोई सवाल नहीं उठता। हिन्दू-पितासे उत्पन्न सन्तति हिन्दू मानी जाये यह नियम है। इसलिए हिन्दू-पिताके बालकोंको हिन्दू धर्मकी शिक्षा दी जानी चाहिए, इस विषयमें मुझे जरा भी शक नहीं है। बालक बेचारा लाचार है। जिस अनाथालयमें वह रखा जायेगा वहींके वायुमण्डलको वह ग्रहण करेगा। यदि उसका कारोबार धर्मप्रेमी संचालकोंके हाथमें होगा तो बालकोंमें धर्म-भावना उपजेगी।

मैं आशा करता हूँ कि टांगानीका तथा उसके जैसे देशोंमें रहनेवाले हिन्दू अपने कर्तव्यका विचार करके उसका पालन करेंगे। विषय-वृत्तिको छोड़ना प्रथम धर्म है। किन्तु यह तो भविष्यकी बात हुई। उत्पन्न सन्ततिका पालन करना, उसके लिए धार्मिक शिक्षाका प्रबन्ध करना और उससे हर तरहसे पिताके धर्मका आचरण कराना, ये नियम हर स्थितिमें लागू होते हैं। जो ले जा सकते हों वे अपनी पत्नीको साथ ले जायें। पुरुषोंकी तरह स्त्रीकी भी स्थिति समझनी चाहिए। पुरुष जिस प्रकार बहुत कालतक वियोग सहन नहीं कर सकता उसी तरह स्त्रियोंके बारेमें भी समझना चाहिए। उचित उम्रमें शादी होनेके बाद स्त्री-पुरुषको अधिक समयतक जुदा नहीं रहना चाहिए। यह बात स्वयंसिद्ध है। इसीसे दोनोंके चरित्रकी रक्षा हो सकती है।

[गुजरातीसे]
नवजीवन, १-२-१९२५