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भेंट : हरदयाल नागसे

वे अड़चनें पैदा कर रहे हैं, इस आरोपका समर्थन करनेवाला एक भी. वक्तव्य मेरी नजरसे नहीं गुजरा है। यदि वे सूत नहीं कात रहे हैं, तो यह कोई अड़चन नहीं है। अड़चन पैदा करना तो तब माना जायेगा, जब आप गांवोंमें जाकर जनतासे सूत कातनेको कहें कि सूत कातना बिलकुल बेकार है। लेकिन ऐसा आरोप किसी एक भी स्वराज्यवादीपर नहीं लगाया जा सकता।

क्या आप नहीं जानते कि उन्होंने गाँवोंके पुनर्गठन के लिए जो योजना रखी है, उसमें चरखको कोई स्थान नहीं दिया है।

मैं निश्चयपूर्वक कह सकता हूँ कि फरीदपुरमें खद्दरकी प्रदर्शनीकी व्यवस्था स्वराज्यवादियोंने ही की थी और वह शुद्ध चरखा प्रदर्शनी थी। देशबन्धु दासने अपने अध्यक्षीय भाषणमें कांग्रेसके अन्दर ऐसे रचनात्मक कार्यक्रमपर बल दिया है और कहा है कि इसके बिना हम कुछ भी हासिल नहीं कर सकते। मैं यह भी कह दूं कि मैं कमसे-कम एक ऐसे स्वराज्यवादी परिवारको जानता हूँ जो कताईके प्रति उतना ही निष्ठावान है, जितना कि मैं या आप ।

आपने फरीदपुर परिषद्का जो उल्लेख किया है उससे मुझे स्वराज्यवादियोंके एक और आपत्तिजनक तरीकेकी याद आ गई। उन्होंने बंगालमें असहयोग आन्दोलन समाप्त करनेके लिए आपको आमन्त्रित किया था, लेकिन उन्हें निराशा हुई।

आप बहुत ही सन्देहशील, बहुत ही पस्तहिम्मत आदमी

लेकिन आदमोके मनमें कुछ होता है, और विधाताके मनमें कुछ और। श्री देसाईने दिल्लीसे मुझे लिखा कि महात्माजी अभी शीघ्र ही बंगाल नहीं जायेंगे। आपने जब फरीदपुर परिषदमें शरीक होनेका निमन्त्रण स्वीकार किया तब सम्मेलनके आयोजकोंने ऐसा नहीं सोचा था कि आप बंगालका दौरा भी करेंगे। लेकिन जब आपने हमारा निमन्त्रण स्वीकार कर लिया, तब वे चक्करमें पड़ गये। हमारे लिए तो वह भगवानको देन थी। क्या आप नहीं जानते कि वे नहीं चाहते थे कि आप बंगालका दौरा करें?

मेरा खयाल है कि आप जरूरतसे कहीं ज्यादा सन्देहशील हैं।

हाँ, मेरी मनोवृत्ति ऐसी ही है।

आप बिलकुल ही गलत सोच रहे हैं। क्योंकि मेरे दौरेका प्रबन्ध स्वराज्यवादियों और गैर-स्वराज्यवादियों-दोनोंने मिलकर किया है। स्वराज्यवादी ही मुझे चटगाँव और नवाखली ले जा रहे हैं, क्योंकि चटगाँव और नवाखली सतीशबाबूके द्वारा बनाये गये कार्यक्रममें नहीं थे।

क्या आपने इस बातपर गौर नहीं किया कि फरीदपुरमें कट्टरपंथी असहयोगियों- की अनुपस्थितिकी ओर सबका ध्यान जाता था?

मैंने खयाल नहीं किया। वे शायद अनुपस्थित थे। किन्तु यदि ऐसा हुआ है तो यह उनका दोष है।

क्या आप इसका कोई कारण बता सकते हैं ?

नहीं। इतना ही कह सकता हूँ कि यदि वे अनुपस्थित थे तो यह उनका ही दोष था।