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भाषण : विद्यार्थियोंके समक्ष, चटगाँवमें

चाहिए। क्या यह कार्यक्रम असम्भव है? यदि खद्दर महँगा पड़ता है, तो इसके दो टुकड़े कर लें और आधेसे अपना तन ढंकें। आपका यह कृत्य जीवनकी बहीमें आपके जमा खातेमें लिखा जायेगा। यदि यह खुरदरा है, तो भारतकी खातिर उस खुरदरे कपड़ेको ही पहनिए। समझ लीजिए कि भारतकी गुलामी खुरदरेसे-खुरदरे खद्दरसे भी ज्यादा खुरदरी है, समझ लीजिए कि भारतकी कंगाली उस खुरदरेसे-खुरदरे खद्दरसे भी जो चटगाँवमें बनायी जा सकी है, कई-कई गुनी खुरदरी है। यदि आपके पास भारतके करोड़ों भूखे लोगोंके प्रति सहानुभूति है, यदि आपके पास कातनेकी इच्छा है, तो आप तबतक कातते जाइए जबतक आपके हाथ शक्तिहीन नहीं हो जाते और तबतक खद्दर ही पहनें जबतक कि आप मोटी खादीमें पसीने-पसीने नहीं हो जाते। यदि आप यह करेंगे तो आपको मालूम होगा कि मेरे स्वप्नका और आपके स्वप्नका स्वराज्य क्षितिजपर उदय हो गया है और तब आप खुशीके मारे नाच उठेंगे।

[अंग्रेजीसे]

अमृतबाजार पत्रिका, १५-५-१९२५


४२. भाषण : विद्यार्थियों के समक्ष, चटगाँवमें
१३ मई, १९२५
 

अच्छा, तब मेरा यही कहना है कि सच्ची राष्ट्रीय शिक्षाका आरम्भ कताईके शिक्षणसे होता है। जिस प्रकार इंग्लैंडमें प्रत्येक लड़का नाविकके कामकी शिक्षा लेता है, और बंगालमें आप लोगोंको स्वभावतः तैरना और पतवार चलाना आता है, उसी प्रकार हिन्दुस्तानके सात लाख गाँवोंकी रक्षाके लिए खेतीके अलावा सूत कातनेके धन्धेकी जरूरत है। अमरीकामें भी सहायक धन्धोंपर जोर दिया जाता है, यद्यपि वहाँ संयुक्त परिवारोंकी समस्या नहीं है और उनका अपना राज्य है। हिन्दुस्तानमें किसान खेतीके अतिरिक्त किसी दूसरे धन्धेसे थोड़ी कमाई किये बिना जीवित नहीं रह सकते और यह अतिरिक्त कमाई सूत कातनसे ही हो सकती है। बुनाई अनुकूल नहीं आ सकती, क्योंकि उसमें बचा हुआ वक्त देने से ही काम नहीं चल सकता। मैं स्त्रियोंकी सभामें हो आया हूँ और उनको सूत कातनेकी व्यावहारिक शिक्षा दे आया हूँ। मेरा चरखा इस छोटी-सी थैलीमें है। यह तकली आपको अधिक सुन्दर नहीं लगेगी। मेरे पास एक सुन्दर तकली थी, मैं उसे फरीदपुरमें कुमारी घोषको दे आया हूँ। वे वहाँके शिक्षा-विभागकी प्रधान हैं। उन्हें वह पसन्द आई है और उन्होंने मुझे यह लिखा है कि वे खुद सूत कातेंगी तथा अपने परिचितोंको' भी कातना सिखायेंगी। आप जब गप्पें मारते हैं, मित्रोंसे मनोविनोद करते हैं और ज्यामिति सम्बन्धी प्रश्नोंपर विचार करते हैं तब भी इसको चला सकते हैं। हमारे यहाँ तो गडरिये इसे राह चलते-

१. यह उन्होंने अपनी तकली दिखाते हुए कहा।