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६१. टिप्पणियाँ
सादगी बनाम अव्यवस्था

सार्वजनिक कार्यमें आनेवाली कठिनाइयोंकी चर्चा करते हुए एक नवयुवक लिखता है :[१]

यह कहना कठिन है कि शिक्षित वर्गके लोग इन कठिनाइयोंके कारण सार्वजनिक काम हाथमें लेनेसे किस हदतक रुकते हैं। मेरी मान्यता तो यह है कि इन कठिनाइयोंसे कोई भी सच्चा सेवक सेवा करनेसे विरत नहीं होता। चाय पीनेवाले चाय पीते हैं और सेवाधर्मका पालन करते हैं। बहुतसे कार्यकर्त्ता दूसरे दर्जे में रेलयात्रा करते हैं; किन्तु वे फिर भी देशसेवा कर रहे हैं। चाय पीना या दूसरे दर्जे में रेलयात्रा करना मूलतः पाप नहीं। जो चायके बिना काम चला सके वह चलाये और दूसरे दर्जे में रेलयात्राके बिना भी काम चला सके तो चला ले। किन्तु जिसका शरीर तीसरे दर्जे में रेलयात्रा करने लायक न हो वह खुशीसे दूसरे दर्जे में रेलयात्रा करके सेवाकार्य कर सकता है। यह बात ऐसी है जो स्पष्ट रूपसे समझमें आ सकती है। जो सादगीके नामपर अव्यवस्था और अनियमितता करते हैं, वे तो पाप ही करते हैं। सादगी अव्यवस्थाकी विरोधी वस्तु है, क्योंकि सादगी गुण है और अव्यवस्था अवगुण। आडम्बरमें भी अव्यवस्था दिखाई देती है। अव्यवस्थित मनुष्य सादा नहीं माना जा सकता। सादगी सीखनेसे आ सकती है। जिसे मेज-कुर्सी न मिल सके और वह उनके बिन काम चलाये तो वह सादा नहीं होता। उसे तो ज्यादाकी जरूरत होनेपर भी कमसे-कममें काम चलाना पड़ता है, इसलिए वह दुःखी होता है। सादा मनुष्य ज्यादा मिलने-पर भी कममें काम चलाकर सन्तुष्ट रहता है और ज्यादाका उपयोग करनेमें दुःख मानता है।

जो बात अव्यवस्था और अनियमितताके बारेमें ठीक है, वही अस्वच्छताके बारेमें भी ठीक है। सादा मनुष्य कभी अस्वच्छ रह ही नहीं सकता। फिर भी हम जानते हैं कि बहुतसे सादा दिखनेवाले मनुष्य बहुत अस्वच्छ रहते हैं और सादगीको बदनाम करते हैं। जो लोग खादी पहनते हैं, उनका धर्म है कि वे खादीके कपड़ेको सदा दूध जैसा सफेद रखें। वे उसे नित्य धोयें और यदि वह फट जाये तो उसमें पैबन्द लगा लें। पैबन्द लगा लेना शर्मंकी बात नहीं है, किन्तु फटा कपड़ा पहनना आलसी होनेका लक्षण है; अतः शर्मकी बात है। सादगीमें सफाई तो होनी ही चाहिए। परिग्रही रहकर स्वच्छता बरतने की कोशिश करें तो और भी परिग्रह करना पड़ता

  1. यह पत्र यहाँ नहीं दिया गया है। इसमें लेखकने लिखा था कि आप सार्वजनिक कार्यकर्त्ताको खान-पान और रहन-सहनमें सादगी रखनेका उपदेश देते हैं; इसका अर्थ बहुतोंने अनियमितता और अव्यवस्था मान रखा है।