पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 27.pdf/२५५

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टिप्पणियाँ २२३ रानीबालाकी शर्त पर प्रेम करना चाहें मैं उन सबको, फिर वे चाहे जितनी हों अपनी प्रेमपात्री बना देनेके लिए तैयार हूँ। इस खयालसे कि उन्होंने अपने कीमती गहने गरीबोंकी सेवाके लिए दे दिये हैं, उनकी सुन्दरता और भी बढ़ जायेगी । हिन्दुस्तानकी छोटी-छोटी लड़कियोंको यह कहावत सदा याद रखनी चाहिए कि "सुन्दर वह जो सुन्दर करे' । ग्यारह दिनको प्रगति सत्याग्रहाश्रम स्कूल बहरोकके मन्त्री अपने पत्र में लिखते हैं: निश्चय ही यह प्रगति बहुत अच्छी है। लेकिन उस चमत्कारी कार्यका अन्त ११ दिनमें ही नहीं हो जाना चाहिए। हमपर बहुधा यह आरोप लगाया जाता है कि हम लगातार एक जैसी शक्तिसे तथा तन्मयतासे कार्य नहीं कर सकते । मैं आशा करता हूँ कि जिस सुधारका सूत्रपात इतनी अच्छी तरह हुआ है वह जारी रहेगा । मैं जानता हूँ कि एक योग्य कातनेवालेके हाथोंमें एक अच्छा तथा आवाज न करनेवाला चरखा 'एक सतत उल्लास देनेवाली' वस्तु बन जाता है । प्रतियोगियोंका विश्लेषण जिन लोगोंने हाथ कताई सम्बन्धी निबन्ध प्रतियोगिता में भाग लिया है और अपने निबन्ध भेजे हैं। प्रदेशानुसार उनका निम्न विश्लेषण पाठकोंको दिलचस्प होगा। उनकी सूची यहाँ दी जाती है : आन्ध्र तमिलनाड १९ गुजरात ९ बम्बई ४ संयुक्त प्रदेश ३ . बिहार २ बंगाल ३ महाराष्ट्र ३ वर्मा १ केरल १ उड़ीसा कर्नाटक १ पंजाब ५ मध्यप्रदेश (मराठी) १ सिंध १ श्रीलंका एक गुजराती (लन्दन ) १ गुमनाम १ ६२ इसकी यह प्रतिक्रिया प्रतियोगितामें ली जानेवाली दिलचस्पीका एक स्वस्थ चिह्न है । इन निबन्धोंकी अच्छाई या स्तरके बारेमें की गई जाँचका फल भी शीघ्र ही मालूम हो सकेगा। परीक्षक महोदय उन्हें जांच रहे हैं। १. यह यहाँ नहीं दिया गया है। इसमें मन्त्रीने गांधीजीके वहाँ जानेके बाद राष्ट्रीयशाला छात्रोंकी सूत कताईकी प्रगति के विषयमें लिखा था । Gandhi Heritage Portal